एक सच्चा परमेश्वर की खोज
आज से लगभग 10 साल पहले की बात है। जब मैं एक सच्चे परमेश्वर की खोज में था। उस समय मैं 13 साल का था और इस दुनियादारी से मैं बिल्कुल अनजान था, मैं एक ऐसा परमेश्वर की तलाश में था। जो सबका बोस है, उस समय मुझे बताया गया था कि 'सभी धर्म एक है, हम लोगों को एक ही परमेश्वर के पास जाना है। लेकिन रास्ता अलग-अलग है।' वैसे लोगों का बात सही था या नहीं इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता था।
कौन सी बात मुझे सच्चे परमेश्वर को खोजने के लिए मजबूर किया?
- अलग-अलग देवी देवता और उनके गुणों के कारण।
- लोग जादू टोना के लिए खास कर देवी देवता के पास बली चढ़ाते हैं।( आदिवासी समुदाय के अनुसार)
- अगर आप सक्सेस हो रहे हैं, तो आपके आस पड़ोस के लोग आप पर तंत्र क्रियाएं करेंगे। ताकि आप आगे ना बढ़ पाए।
- सबसे जरूरी मुद्दा: गांव घर में सबसे ज्यादा जमीन को लेकर झगड़ा होता है, क्योंकि जब हम ऐसे बीमारी में फंसते थे जहां कोई भी डॉक्टर का दवा काम नहीं करता था। तब हमें मजबूरन बाबा के पास जाना पड़ता था। और बाबा हमें बताते थे कि आप पर तंत्र क्रिया किया गया है। इसलिए कोई अच्छा से अच्छा दवा भी काम नहीं कर रहा है।
इस प्रकार के तमाम मुश्किलें होती थी, मैं तो ज्यादा बाबाओं पर यकीन नहीं करता था। लेकिन मेरे दोस्त लोग मुझे यही सब बताते थे और पूरे समाज में यही सब होता था। मैंने तंत्र क्रिया के रिजल्ट को अपनी आंखों से देखा था शायद, मैं यहां पर शायद शब्द का उपयोग इसलिए कर रहा हूं। क्योंकि मुझे नहीं पता मैंने जो देखा था वह किस चीज का कारण था। लेकिन मैं बचपन में कई सारे ऐसे रहस्यमय एक्टिविटी को देखा करता था, जिसका यकीन कोई भी ना करें।
अगर वह सब रहस्यमय घटनाएं, मेरे साथ एक या दो बार घटना तो उसको मैं हल्लुसीनेशन या फिर अपने दिमाग का भ्रम समझ कर अनदेखा कर देता। लेकिन यह सब घटनाएं मेरे साथ ऐसे होने लगा, कि जब मैं लोगों को होने वाले घटनाओं का रिजल्ट बताता था और वह घटना हो जाता था तो लोग आश्चर्य चकित हो जाते थे। उदाहरण के लिए, मेरा घर ऐसी जगह पर स्थित है, जहां पर काली शक्तियां रोज काम करती है। मेरे घर के बगल में बांस की झाइयां है, अगर वहां से रात को एक उल्लू के रोने का आवाज सुनाई दे तो दो या तीन दिन के बाद मेरे गांव में एक इंसान का मरना निश्चित होता है।
और मुझे यह बात नहीं पता कि उस उल्लू का रोने का आवाज मुझे ही सुनाई देता है या फिर किसी और को भी।
बहुत सारे लोगों को इन सभी घटनाओं के बारे में पता होता है, लेकिन यह लोग इसके बारे में बातें करने से डरते हैं। लेकिन मेरे ऊपर में सर्व शक्तिमान पिता परमेश्वर का हाथ है, जिसके कारण मैं इन सारे घटनाओं को दूसरों के सामने लाने से नहीं डरता। हालांकि मेरे साथ एक बार या दो बार ऐसा हुआ था कि मैं किसी बड़ी काली परछाई के आमने-सामने खड़ा था। और वह कोई भरम नहीं था, क्योंकि भरम एक या दो सेकंड के लिए ही होता है।
रात को 11:00 बजे आसपास, मैं अपने घर से बाहर टॉयलेट करने के लिए निकला। क्योंकि गांव में टॉयलेट रूम नहीं होता था। जब मैं बाहर निकाल तब चांदनी रात थी, और मेरे बाहर निकलते ही, एक काली परछाई को मेरे तरफ आते हुए देखा। वह आया और मेरे से लगभग 1 मीटर की दूरी पर होती है। मैं इतना डर गया कि मेरा हिम्मत नहीं हुआ मेरे बाएं तरफ देखने की, क्योंकि मैंने उसको देखा वह एक काले भालू की तरह लग रहा था। तब मैंने सोचा अब जब अपना-सामना हो ही गया है, तो क्यों ना मैं चुपचाप टॉयलेट कर लूं।
जब तक मैं टॉयलेट करता रहा, वह भी खड़ा रहा। इसके बाद में दाएं और से मुड़कर अपने घर के अंदर चला गया। बहुत ज्यादा हल्ला करने के बावजूद भी मेरे मम्मी पापा का नींद नहीं खुला। जैसे किसी ने उन्हें नींद की गोली दे दी हो। जब मैं सुबह बताया अपने घर वालों को, मेरे मम्मी पापा लोगों ने मुझे टाटा और मुझे चेतावनी दिया रात को बाहर न निकलने की।
इस तरह की घटनाएं हमारे कस्बे में कॉमन होती थी, इसके बाद जब मैं पवित्र बाइबल पढ़ा। तो उसमें लिखा हुआ था कि "मैं तुम्हें कभी नहीं छोडूंगा, कोई तुम्हारी एक बाल भी बांका नहीं कर सकता। मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा।"
और शायद यही बात सही है, कि शैतान का इतने सारे राज पता होने के बावजूद भी आज तक मैं जिंदा हूं।
मैं पवित्र बाइबल के बहुत सारे आयतों से बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ हूं। जैसे -
"तुम मुझे क्या दोगे, यह सारे सृष्टि मैंने बनाया है।"
और बात तो बिल्कुल सही है, हमें परमेश्वर को किसी बकरी, भेड़ या गाय बैल देने की जरूरत नहीं है। क्योंकि सब कुछ उसी ने तो सृजा है, और पवित्र बाइबल पढ़ने के बाद मैंने बहुत सारे बातों को अपने अंतर आत्मा से जांचा। और मैंने यह पाया कि यीशु मसीह की एक सच्चा परमेश्वर है। इस टॉपिक के बारे में मैं किसी और दिन आप लोगों के सामने आऊंगा।
0 Reviews:
Post a Comment