Saturday, November 1, 2025

Ravi Life Diary EP - 01

November 01, 2025 0 Comments

मेरा इतिहास

      मेरा जन्म भारत देश के एक बहुत ही पिछड़ा राज्य झारखंड में हुआ। मेरे दादाजी का नाम मुंशी हेंब्रम और मेरे पिताजी का नाम सुनीराम हेंब्रम है।

       मैं परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं कि परमेश्वर ने मुझे इतने अच्छे परिवार में भेजा।

       अब तक आपने मेरे वेबसाइट में जो भी पढ़ा उसको ठीक से समझने के लिए आपको मेरा यह सभी एपिसोड पढ़ना होगा।

       28 सितंबर 2000 को रात 12:00 मेरा जन्म हुआ ऐसे मेरी मां बताती है।

       अब हेंब्रम परिवार में एक नया बालक का जन्म हो चुका था, यानी मेरा।

       मेरे पेरेंट्स ने मुझे जो बताया है, उसके हिसाब से मैं आपको मेरा जन्म से पहले का बैकग्राउंड बता देता हूं। 

काल्पनिक तस्वीर


 मेरे घर का माहौल मेरे जन्म के पहले

         मेरे दादाजी कभी भी किसी के साथ झगड़ा नहीं करते थे। वह एकदम शांत व्यक्ति था, क्योंकि मैं अपने दादाजी को झगड़ा करते हुए नहीं देखा। यह बात हो सकता है कि अगर शायद मेरे परिवार जब झगड़ा होता था, तब मैं घर में ना हो। 

        मेरे दादाजी का सपना था अमीर बनना, लेकिन पेशे से मेरे दादाजी किसान थे।

         मेरे दादाजी के बच्चों के बारे में जानते हैं, 1. बेटी, 2. मेरे पिताजी, 3. बेटी, 4. बेटी, 5. बेटा(चाचा), 6. बेटी।

       मुझे क्लियर नहीं पता कि मेरा चाचा कौन से नंबर के हैं।

मेरे पिताजी के अनुसार, मेरा दादाजी कहीं से भी लोगों से उधरले लेता था और मेरे पिताजी को उधर चुकता करने के लिए उन लोगों के पास काम करना पड़ता था।

       मेरे पिताजी के जितने बहनें थे, या यूं कहूं जितने सिस्टर थे। उनमें से सबसे छोटी वाली का शादी नहीं हुआ था। और मेरा चाचा का भी। इसके अलावा सभी के शादी हो चुकी थीं, यहां तक कि उनके बच्चे भी थे। 

      और वे सभी लोग मेरे पिताजी के जो सिस्टर हैं उनकी बात कर रहा हूं। वे सभी अपने बच्चों और अपने पति के साथ मेरे ही घर में रहते थे जबकि उनको अपने ससुराल में रहना चहिए था।

      मेरे कहने है का मतलब है, जाहिर सी बात है कि जब घर में इतना सारे लोग हो और परिवार के लिए कमानें वाले केवल मेरे पिताजी और मेरी मां हो। तो मेरे पिताजी को गुस्सा तो आएगा ही। 

      मेरे दादाजी अपनी बेटियों को कुछ नहीं कहते थे जिसके कारण मेरे पिताजी का और मेरे दादाजी का आपस में नहीं बनता था। 

काल्पनिक तस्वीर


 बड़ा परिवार में मेरा बचपन 

       यहां तक कि, स्थिति इतना खराब था। कि मेरे पिताजी को पढ़ने के लिए खुद मेहनत करना पड़ता था। नहीं यह बात मानता हूं कि थोड़ा बहुत मदद तो मिलता था मेरे पिताजी को मेरे दादाजी के परिवार से, जब मेरे पिताजी का शादी नहीं हुआ था तब। 

       बाकी सारे लोग काम कर पैसे कमाते तो थे लेकिन कोई भी परिवार के खर्चे के लिए पैसे नहीं देता था। और यह मैं इसलिए बोल रहा हूं क्योंकि मेरी मां मुझे मुझसे संबंधित एक घटना बताया करते थे जब मैं थोड़ा बड़ा हो गया था।

      मेरी मां मुझसे कहती थी कि 'जब तू मेरे गर्भ में था, तब भी मैं भारी काम करती थी। ताकि तेरे दादाजी का गुस्सा ना भड़के।'

        जब मैं 10,12 साल का हुआ। तब मैंने मेरी मां को लोगों से कहते हुए सुना, कि "जब रवि छोटा था, तब एक बार मैंने देखी कि रवि अपने बुआ के बच्चों के द्वारा फेके गए खाली मिठाई की कागज को चाट रहा है। खाने को समान होने के बावजूद भी कोई भी एक टुकड़ा भी रवि को नहीं दिया गया।"

        यह देखकर मेरी मां रो उठी थी। और जहीर से बात है कोई भी मां अपने बच्चों का ऐसी हालत देखकर जरूर रोएगी।

दूसरे शब्दों में कहूं तो, अपने ही परिवार में मेरे पिताजी और मेरी मां दोनों नौकर नौकरानी थे। 

        जहां तक मुझे पता है, मेरे परिवार में कोई भी इस घटना को उतना सीरियस नहीं लेता था। 

        लेकिन मेरे दादाजी और मेरी दीदी और मेरे पिताजी के बीच भले ही उनका रिश्ता ठीक नहीं था फिर भी मेरे दादाजी और दादीजी से मेरा लगा बहुत ज्यादा था।

Non realistic

             मेरे परिवार में और भी बहुत-सारे गड़बड था,  लेकिन मैं वह सब नहीं बताना चाहता। नहीं तो जो इंसान मेरी यह कहानी पढ़ रहा है या रही है। वह बहुत ज्यादा बोर हो जाएगा।

Daily Routine Tips

November 01, 2025 0 Comments

Daily Routine Tips

       Daily Routine Tips: अपने दिन को बनाएं बेहतर, स्वस्थ और उत्पादक

        हर दिन एक नई शुरुआत लेकर आता है। एक अच्छी और सही दिनचर्या (Daily Routine) न सिर्फ हमारे दिन को बेहतर बनाती है, बल्कि हमारे जीवन को स्वस्थ, संतुलित और खुशहाल भी रखती है। सही दिनचर्या अपनाने से हमारी तन-मन दोनों की सेहत सही रहती है, तनाव कम होता है, और हम अपने लक्ष्यों के करीब पहुंच पाते हैं। यहाँ कुछ प्रभावी और आसान Daily Routine Tips दिए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप भी जागरूक और सफल जीवन की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।

1. सुबह जल्दी उठने की आदत डालें
          सुबह जल्दी उठना आपको दिनभर ताजगी और ऊर्जा देता है। सुबह का वक्त सबसे शांत होता है, जब आप अपने दिन की योजना बना सकते हैं और खुद के लिए कुछ पॉजिटिव कर सकते हैं। ताजी हवा में थोड़ी देर टहलना या योग, प्राणायाम जैसी एक्सरसाइज करना सुबह की शुरुआत को मजबूत बनाएगा। इससे न केवल आपका शरीर स्वस्थ रहेगा, बल्कि मानसिक तनाव भी कम होगा। कोशिश करें रोजाना कम से कम 6-7 बजे उठें ताकि पूरा दिन आपके पास हो।

2. पर्याप्‍त पानी पिएं
        दिन की शुरुआत एक गिलास गर्म पानी से करें। पानी हमारे शरीर के लिए जरूरी है क्योंकि यह शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, त्वचा को चमकदार बनाता है और मेटाबॉलिज्म को तेज करता है। दिनभर कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने की आदत डालें। इससे आप हाइड्रेटेड रहेंगे और शरीर के अंग सही ढंग से काम करेंगे।

3. संतुलित और पौष्टिक नाश्ता करें
         सुबह का नाश्ता दिन भर की ऊर्जा का सबसे पहला स्रोत होता है। इसे कभी न छोड़ें। संतुलित नाश्ते में फल, अनाज, प्रोटीन और विटामिन्स शामिल करें। ओटमील, फल, दही, और नट्स जैसे विकल्प आपको लंबे समय तक एनर्जी देंगे। इससे आप खाली पेट काम करने से बचेंगे और मानसिक एकाग्रता भी बढ़ेगी।

4. महत्वपूर्ण चीजों को पहले करें
        अपने दिन के कामों में प्राथमिकता तय करें। जो काम सबसे ज्यादा जरूरी और मुश्किल हों, उन्हें सुबह या जब आपकी ऊर्जा अधिक हो, तब करें। ऐसे काम को टालने से मन पर तनाव बढ़ता है। छोटे-छोटे टारगेट सेट करें और उन्हें पूरा करते जाएं। इससे काम का बोझ कम लगेगा और मन शांत रहेगा।

5. बीच-बीच में ब्रेक लें और स्ट्रेचिंग करें
         लगातार लंबे समय तक काम करने से शरीर और दिमाग दोनों थक जाते हैं। इसीलिए हर 60-90 मिनट के काम के बाद 5-10 मिनट का ब्रेक जरुरी है। ब्रेक में आप थोड़ा स्ट्रेचिंग कर सकते हैं, थोड़ी टहलना अच्छा रहेगा। यह आपको फिर से ताजगी और ऊर्जा देगा, जिससे आप पहले से बेहतर परफॉर्म कर पाएंगे।

6. तकनीक का समझदारी से उपयोग करें
          डिजिटल युग में मोबाइल, कंप्यूटर और इंटरनेट का सही उपयोग बहुत जरूरी है। दिन में काम के समय के अलावा स्क्रीन टाइम को सीमित करें। सोशल मीडिया पर बिना उद्देश्य समय बिताने से बचें। इससे मानसिक शांति बढ़ेगी और आपको अपनी ज़रूरत पर ध्यान देने में मदद मिलेगी।

7. स्वस्थ और संतुलित खाना खाएं
          दिन के भोजन में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं। जंक फूड, ज़्यादा तेल या मीठा खाने से बचें। भोजन समय पर खाने की आदत डालें ताकि पाचन क्रिया सही बनी रहे और शरीर को ठीक से पोषण मिले। नियमित और संतुलित आहार से आपकी ऊर्जा बनी रहेगी।

8. नियमित व्यायाम या योग करें
         शारीरिक गतिविधि को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। चाहे वह सुबह की हल्की सैर हो, योग हो, जिम जाना हो या स्ट्रेचिंग, रोजाना कम से कम 30 मिनट कुछ न कुछ व्यायाम करें। यह शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करता है, वजन नियंत्रित रखता है, और मानसिक तनाव को भी कम करता है।

9. सकारात्मक सोच और मेडिटेशन को अपनाएं
          दिनभर की भागदौड़ में मानसिक तनाव होना स्वाभाविक है। इसलिए शाम को 10-15 मिनट मेडिटेशन, ध्यान या पॉजिटिव सोच के अभ्यास को अपनी आदत बनाएं। इससे मन शांत होता है, ध्यान केन्द्रित होता है और आप अपनी जिंदगी के चुनौतीपूर्ण पलों का सामना बेहतर तरीके से कर पाते हैं।

10. समय पर सोएं और अच्छी नींद लें
          रात में पर्याप्त और गहरी नींदLENे से शरीर और दिमाग दोनों को आराम मिलता है। कोशिश करें कि आप रोजाना 7-8 घंटे की नींद जरूर लें। सोने से पहले स्क्रीन का उपयोग कम करें और सोने से एक घंटे पहले गर्म दूध, किताब पढ़ना या धीमा संगीत सुनना जैसे आरामदायक क्रियाओं को अपनाएं।

क्यों जरूरी है एक अच्छी दिनचर्या?
          एक अनुशासित दिनचर्या न केवल आपकी सेहत को बेहतर बनाती है, बल्कि आपके मनोबल को भी बढ़ाती है। इससे आप उत्पादक और खुशहाल रहते हैं। जब आपका दिन अच्छे से नियोजित होता है, तो तनाव कम होता है, ऊर्जा बनी रहती है, और आप अपनी ज़िंदगी में उत्साह के साथ आगे बढ़ सकते हैं।

अंतिम सुझाव 
           उपर दिए गए Daily Routine Tips को अपने जीवन में आराम से शामिल करें। छोटे-छोटे बदलाव भी बड़े और सकारात्मक फर्क ला सकते हैं। याद रखें, आपकी दिनचर्या आपका आधार है, इसे मजबूत और स्वस्थ बनाएं ताकि आपकी खुशहाली बनी रहे।

Sunday, October 26, 2025

Time Is Money

October 26, 2025 0 Comments

Time Is Money

           दोस्तों आज बहुत ही इंपोर्टेंट विषय में बात करने जा रहा हूं। मेरे कहने का मतलब यह है कि Time Is Money का topic ही क्यों?
⏳ परिचय: “Time Is Money” — ये सिर्फ कहावत नहीं, जीवन का सत्य है

            कहते हैं — “समय ही सबसे बड़ा धन है।”
पैसा खो जाए तो दोबारा कमा सकते हैं, लेकिन समय एक बार गया, तो कभी लौटकर नहीं आता।
हर इंसान को रोज़ 24 घंटे मिलते हैं, फर्क सिर्फ इतना है कि कोई उसे निवेश करता है, और कोई उसे व्यर्थ गँवा देता है।



           अगर कोई “Time Is Money” नहीं समझता, तो जीवन धीरे-धीरे उससे सब छीन लेता है — रिश्ते, अवसर, और कभी-कभी खुद की पहचान तक।
          आज आपका समय बेकार नहीं जाएगा, क्योंकि Time is not money — it’s more than money.

आपको समझने के लिए मैंने छोटे-छोटे टुकड़े में बांटा है:-
 

💍 1. सही समय पर शादी न करना — रिश्तों में अकेलापन

जिसने “समय” का महत्व रिश्तों में नहीं समझा,
वो अक्सर “मैं बाद में सोच लूंगा” कहकर अपने जीवन का सबसे सही रिश्ता खो देता है।
कई लोग करियर या दिखावे में उलझकर शादी का सही समय गंवा देते हैं —
फिर जब अकेलापन दस्तक देता है, तब एहसास होता है कि “सही समय निकल गया।”



💼 2. समय की बर्बादी = करियर की हार

समय पर मेहनत न करने वाला व्यक्ति हमेशा पछताता है।
जो आज तैयारी नहीं करता, कल वही दूसरों की सफलता देखकर दुखी होता है।
हर सफल इंसान की कहानी “समय के निवेश” से शुरू होती है।

 “अगर तुम समय का आदर नहीं करोगे, तो समय तुम्हारा आदर नहीं करेगा।”



💰 3. समय की कीमत न समझना = गरीबी की जड़

गरीबी सिर्फ पैसों की कमी नहीं, बल्कि समय के गलत इस्तेमाल का परिणाम है।
जो व्यक्ति समय को सही दिशा में नहीं लगाता,
वो अवसरों को खोकर जीवन में पीछे रह जाता है।


📚 4. शिक्षा में समय का निवेश न करना = पछतावा

स्कूल या कॉलेज के दिनों में अगर समय को “मज़ाक” समझा,
तो आगे चलकर वही मज़ाक “career gap” बन जाता है।
समय पर पढ़ाई करने वाला ही भविष्य में निश्चिंत जीवन जीता है।


❤️ 5. समय न देना = रिश्तों का टूटना

कई रिश्ते “बुरे इंसान” की वजह से नहीं, बल्कि “समय की कमी” की वजह से टूटते हैं।
जो अपने प्रियजनों को समय नहीं देता, वो धीरे-धीरे उनसे दूर हो जाता है।

 “रिश्ते भी पौधों की तरह हैं — पानी नहीं, समय चाहिए।”


🧘‍♂️ 6. आत्मिक जीवन की उपेक्षा = अंदरूनी खालीपन

जो अपने spiritual life को समय नहीं देता,
वो जीवन की सबसे गहरी शांति खो देता है।
समय पर ईश्वर से जुड़ना, प्रार्थना करना — यही आत्मिक संपत्ति है।


⏳ 7. स्वास्थ्य की अनदेखी = बीमारी का निमंत्रण

समय रहते व्यायाम, ध्यान, या नींद का ध्यान न रखना,
बाद में बीमारी के रूप में भारी पड़ता है।
पैसा डॉक्टरों पर खर्च होगा, लेकिन खोया हुआ स्वास्थ्य नहीं लौटेगा।


🕵️ 8. निर्णय में देरी = अवसर का अंत

जीवन में कुछ मौके दोबारा नहीं आते।
अगर हम “सोचते रह गए”, तो कोई और उसे कर दिखाता है।
समय पर निर्णय लेना ही समझदारी है।


👨‍👩‍👧‍👦 9. परिवार को समय न देना = भावनात्मक दूरी

परिवार को समय देना पैसा कमाने से कहीं ज़्यादा कीमती है।
जो अपने परिवार के साथ समय नहीं बिताता,
वो एक दिन खाली घर और खाली मन के साथ रह जाता है।


🎯 10. अवसरों की अनदेखी = असफलता की गारंटी

“कर लेंगे बाद में” जैसी सोच,
सफलता की सबसे बड़ी दुश्मन है।
जीवन के हर छोटे अवसर में एक बड़ा मौका छिपा होता है।


💭 11. सपनों को टालना = खुद से धोखा

कई लोग कहते हैं, “अभी समय नहीं है।”
लेकिन सच ये है — सही समय कभी नहीं आता, हमें उसे बनाना पड़ता है।


🕊️ 12. मानसिक शांति का खोना

जो व्यक्ति समय को सही जगह निवेश नहीं करता,
वो तनाव और बेचैनी का शिकार होता है।
समय का सही प्रबंधन, मन की शांति की पहली सीढ़ी है।


⛪ 13. ईश्वर के बुलावे को टालना

कई बार परमेश्वर हमें किसी कार्य या सेवा के लिए बुलाता है,
लेकिन हम कहते हैं, “अभी नहीं।”
और यही “अभी नहीं” जीवन का सबसे बड़ा पछतावा बन जाता है।


⚙️ 14. समाज और सेवा में योगदान न देना

अगर आपने अपने समय को सिर्फ अपने लिए खर्च किया,
तो आप “जिए”, लेकिन “मायने” के बिना।
समय का कुछ हिस्सा दूसरों की मदद में लगाना — यही सच्चा धन है।


📅 15. आलस्य = आत्म-विनाश की शुरुआत

आलस्य वो चोर है जो धीरे-धीरे समय और सफलता दोनों चुरा लेता है।
जो कहता है “कल करूँगा”,
वो “आज” की ताकत खो देता है।


💡 16. समय ही सबसे बड़ी पूँजी है
 “पैसा कमाया जा सकता है, लेकिन समय नहीं।”
“हर सेकंड अमूल्य है — इसे यूँ ही न जाने दो।”


  •  समय को निवेश करो — सीखने में, प्रार्थना में, परिवार में, सेवा में —
और देखो, कैसे जीवन खुद तुम्हारे लिए काम करने लगता है। समय को संभालो, जीवन संभल जाएगा

“Time Is Money” — ये केवल एक विचार नहीं, यह जीवन का Universal Law है।
जो समय का सम्मान करता है,
समय वहीँ झुक जाता है।

Friday, October 17, 2025

कैसा हूं मैं?

October 17, 2025 0 Comments

 कैसा हुं मैं?

        अभी शाम के 5:10 समय है। मैं कोटालपोखर स्टेशन में अकेला बैठा हुआ हूं। मैं अपने दोस्त के घर में लगभग 27-28 दिन रहा। मैं उनके घर में अपने मर्जी के अनुसार रहता था, किसी भी चीज का कोई रोक-टोक नहीं। 

         वह बात अलग है कि मुझे उनके घर में दुष्ट आत्माएं परेशान करती थी। लेकिन मैं परमेश्वर का धन्यवाद करता हूं कि परमेश्वर ने मुझे इतना अच्छा दोस्त दिया है।  जहां तक मुझे याद है, मेरे दोस्त ने मुझे सिर्फ दिया है, बदले में कुछ नहीं लिया है। हां मैं ये जरूर मानता हूं कि मेरे परमेश्वर ने उन लोगों को वह मुसीबत से बचाया है जो (दुष्ट) उनके गांव में कार्य कर रही है। और मैं यह मानता हूं कि परमेश्वर ने उन लोगों को मेरे मदद के लिए ठहराया है। मैं तो यही मानता आया हूं।

        लेकिन इस बार मेरा दोस्त पहले जैसा नहीं लग रहा था, जैसे किसी उलझन में पड़ा हो।

        जब मैं वहां लगभग 20 दिन तक रहा, तो मेरे दोस्त ने मुझे कहा, मेरे कहने पर। यही कि " तुमको तो पता है ना कभी इस घर का जिम्मेदारी मेरा नहीं है। मेरे माता-पिता पूछ रहे थे कि ये अपने घर जाने की सोच रहा है कि नहीं?" 

     जब उसने मुझे बताया कि उसके माता-पिता मेरे जाने के बारे में पूछ रहे हैं। तो मुझे अच्छा नहीं लगा, और मुझे खुद पर तरस आया। लेकिन मुझे गुस्सा नहीं आया, आखिर मैं किस हक से गुस्सा कर सकता हूं।

         इसके बाद अगले दिन मैंने अपना ब्लॉग बनाया और उसमें कहा कि मेरा C.P.U., Keyboard, Mouse, UPS सब मेरे दोस्त के पास है। मैंने ही दिया है, और मैंने यह भी कहा कि मैं उनसे 3000 का उधार लिया हूं। तो मेरा समान मेरे दोस्त के पास है तो वह मुझे पैसे लौटाने के लिए और समय दे इतना तो बनता है। और शायद मैंने यह भी कहा था कि मुझे घर जाने के लिए बोला। मैं दुखी था और पता नहीं मैंने क्या-क्या बोल दिया।

        लेकिन आज जब मैं ना चाहते हुए भी उनके घर से निकला, तो मुझे छोड़ने के लिए रेलवे स्टेशन तक आया। मैं यही सोच रहा था कि मुझे बस भाडे के लिए ₹100 आसपास दे देगा। लेकिन उसने मुझे बहुत सारे पैसे थमा दिया।



       तब मुझे लगा, शायद इसने मेरा वीडियो देख लिया होगा। और मेरा दिल नहीं कर रहा था कि मैं लूं। लेकिन मैं मना भी तो कैसे करूं। फिर भी मैंने मना किया लेकिन मेरे मन करने के बावजूद भी वह नहीं माना।

       जैसे वह मुझे जवाब दे रहा हो, अबे तू मुझे क्या देगा। मैं ही तुझको और दे देता हूं। दूसरे ही पल मुझे लगा, कहीं यह हमारे दोस्ती खत्म करने के इरादे से तो नहीं दे रहा? फिर अगले ही पल मुझे ख्याल आया कि कहीं मेरा कंप्यूटर के बदले में तो नहीं दे रहा? और फिर बाद में बोले, मैंने तुमको तुम्हारे सामानों का पैसा दे दिया है। अब से हमारे बीच में कुछ नहीं रहेगा। 

        इस तरह का गलत ख्याल मुझ में आने लगा। मैं वहां पर सिर्फ इसलिए जाता हूं। क्योंकि मेरा दोस्त है, लेकिन मैं उनके मां बाप का दिल नहीं जीत पाया। 

        जब मैं अपने दोस्त के घर में था, तबमैं सोच रहा था कि मैं कहीं भी। रेलवे स्टेशन में या कहीं भी यहां से जाने के बाद सो जाया करूंगा। और इसके बाद परमेश्वर के राज्य का प्रचार किया करूंगा।

      खाने के लिए कुछ भी सागपात खा लिया करूंगा। और बाकी सारा समय परमेश्वर का काम में लगा दूंगा।

    अब मैं यह सोच रहा हूं, कि कहीं परमेश्वर ने तो उनके मन में यह नहीं डाला? कि मुझे पैसे दे। 

     क्योंकि सच कहूं तो मेरी हालत अभी एक भिखारी से भी गई गुजरी है।

      अभी तक जो भी हुआ है मेरे साथ, मैं तो सबसे पहले परमेश्वर को धन्यवाद देना चाहूंगा कि उसने मुझे इतना अच्छा दोस्त दिया।

       मैंने अपने दोस्त को थैंक्स बोल दिया।

 ‌‌सच में, मेरा परमेश्वर मेरे लिए उपाय करता है।

Tuesday, October 7, 2025

Today's Vision

October 07, 2025 0 Comments
आज का स्वपन 
आज दिनांक 07 /10 /2025 
                 आज सुबह जब मैं सुबह 6 बजे उठा , तब मुझे बहुत माथा दर्द कर रहा था।  मई जब दुबारा सो कर उठा लगभग १२ बजे / तब मैंने एक सपना देखा था, जब मैं  सोया हुआ था. मैंने देखा कि मैं  यमराज से लड़ रहा हूँ।  मैंने यमराज का गला काट दिया।  मैं  ये इसलिए लिख रहा हूँ , क्योकि मुझे पता है।  इस सपना में कुछ अच्छी message छुपा है मेरे लिए। कहीं मै भूल जाऊँ इस बात को इसलिए लिख रहा हूँ। 
                 मेरा जीवन बचपन से लेकर अब तक रहस्यमय रही है, और मई इसके बारे में किसी को सफाई नहीं  चाहता। 

    सपना में बात करना परमेश्वर का पुराना तरीका है।  ये मैं इसलिए बोल रहा हूँ, क्योंकि अगर आप पवित्र बाइबिल में देखेंगे।  तो आप ये बहुत जगह पाएंगे जब लोगों ने सपने के माध्यम से परमेश्वर की संदेश को जान पाए। सपना आज भी बहुत महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। दूसरों के लिए न सही, मेरे लिए। 

मैं ऐसे में आपको शायद कॉन्फूज़ कर रहा हूँ, मुझे आपको एक तरफ़  से अच्छा से बताना चाहिए। 

Date:16/10/2025
           मैं  हर पल कोसिस करता हूँ कि मैं कोई पाप न करूँ।  लेकिन मैं  फिर भी मैं  कोई न कोई गलती कर ही लेता हूँ, और मुझे ये बात पता है कि  ये सब क्यों हो रहा है? क्योंकि मेरा सही रीती से बपतिस्मा नहीं हुआ है। कहीं ऐसा तो नहीं कि  मैं परमेश्वर की मर्ज़ी पर नहीं जा पा रहा हूँ। नहीं तो मै भला उस आत्मा को जो पवित्र आत्मा है, शोकित क्यों करूँगा। ये मेरे साथ इसलिए हो रहा है क्योकि मैं खुद को परमेश्वर के अनुसार नहीं ढाल पा रहा हूँ। मै  हर रोज गलती करता हूँ, और हर रोज माफ़ी मांगता हूँ। क्योंकि मै  अभी भी इस पापी शरीर से बंधा हुआ हूँ। मुझे नहीं लगता है कि  आप लोगों को मेरे पर्सनल लाइफ में ज्यादा दिलचप्सी होगी, यही सोच कर मै  आज से अपने लाइफ के बारे में नहीं बताना चाहता  हूँ। 
           क्योंकि मैंने देखा कि किसी को भी आज की दुनिया में आपसे ये नहीं चाहिए कि आप उनसे अपनी जीवन की जीवनी सुनाएँ, और इसलिए मैं अब ये सोच रहा हूँ कि मुझे कुछ ऐसा बताना चाहिए जो आपको रोचक लगे और वो जानकारी इंटरनेट में उपलब्ध ही न हो। 

Wednesday, September 24, 2025

मुझे डराने की कोशिस

September 24, 2025 0 Comments

 मुझे डराने की कोशिस

      Date: 24/09/2025

            सच कहूं तो गलती मेरी ही है, क्योकि मै  बहुत सारी बातों को ऐसे ही जाने देता हूँ।   जबकि मुझे पता होता है कि  क्या होने वाला है।  बात तो सही है, लेकिन मेरी ज्यादा लापरवाही के कारण  बहुत सी गड़बड़ी हो जाती है।  दरअसल बात कल की है , जब मुझे कल दोपहर को नींद लगने लगा और मई सो गया। 

                 लेकिन मेरा दिमाग तब हिल गया जब मैंने ये देखा कि  एक काली परछाई मेरे दिल को अपने हाँथ में किये हुए है और मुझे एक आवाज़ सुनाई दिया यह कि दूष्ट तुम्हे हद से ज्यादा यातना देने की कोशिस  में है। 

Date: 25/09/2025

               मै  अपने गलतियों की वजह किसी और को नहीं ठहरता हूँ, क्योकि मुझे पता है मै  कोई दूध का धुला नहीं हूँ। लेकिन फिर भी मै  संसार के लोगों  से कई गुना बहेतर खुद को समझता हूँ।  मैं अपने बारे में ऐसा बात इसलिए बोल रहा हूँ क्योकि मै बाकी लड़कों की तरह सांसारिक एक्टिविटी नहीं करता हूँ। लेकिन फिर भी मै  खुद को पापी इंसान ही मानता  हूँ, यह जानते हुए भी की परमेश्वर  ने मेरी गलतियों को माफ़ कर दिया है। 

               फिर भी मैं  कभी कभी खुद को बहुत अकेला महसूस करता हूँ , तब मुझे लगता है कि  काश कोई मुझे सांत्वना देने के लिए होता। वह इंसान जो खुद को परमेश्वर के लिए दे दिया है कभी कभी खुद को बहुत अकेला फील करता है, यानि मैं। जबकि मुझे पता है परमेश्वर  हमेशा से मेरे साथ था, और परमेश्वर  ने मेरे लिए जो किया है अगर मै वह सब एक तरफ़  से बताऊँ तो पूरा जमाना खत्म  हो जाएगा लेकिन मेरे येशु मसीह का गुणगान खत्म  ही नहीं होगा, मेरे कहने का मतलब यह है कि उनका (परमेश्वर का) वह सब महान काम जो मेरे ज़िंदगी में हुआ, बहुत है।  

 Time: 12:32 PM

            अभी मेरे मामा का कॉल आया था, नॉर्मल बातचीत के बाद बीते  हुए बात सामने आ गई। मेरे व्यभिचार में पड़ने से पहले मेरे मामा ने मेरे लिए एक लड़की देखा था, क्योकि मेरे मामा  को पता था कि शैतान मुझे व्यभिचार में डाल सकता है। लेकिन मेरे मम्मी पापा को ये मंजूर नहीं था, उस समय केवल मेरे मामा  को पता था कि  मै  कैसे लड़का हूँ। उस समय मैंने खुद को परमेश्वर को सौंप दिया था, इसलिए मेरा मन किसी भी लड़कियों के तरफ़ नहीं जाता था।  लेकिन मुझे इस बात का भी एहसास था कि  दुष्ट मुझे परीक्षा में डाल सकता है। इसलिए मै अपने मामा के फैसला पर सहमत था। तब तक मेरी एक भी गर्लफ्रेंड नहीं था और अब भी नहीं है, वो बात अलग है। 

          दूसरे शब्दों में कहूं तो मेरे जैसे दुध का धुला कोई नहीं था उस समय, मुझे  इस बात का घमंड था कि मै  औरों जैसा नहीं हूँ। ज़रा कल्पना करना, कोई गर्लफ्रेंड नहीं, multi tilented , और भी बहुत सारी हुनर से भरा हुआ। हालाँकि लड़कियाँ मुझे पाने की केवल सपने ही देख सकते थे।  और इसके अलावा कुछ भी नहीं कर पाते थे लड़कियाँ, कई लड़कियों ने तो मुझे सामने से ऑफर भी दिया था, लेकिन मैंने रिजेक्ट कर दिया था। 

           लेकिन मेरे मम्मी पापा को लगता था कि मै  लड़कियों के पीछे अपना करियर बर्बाद कर रहा हूँ। जब मैं ने अपने एक दोस्त को बताया कि  मेरे mom dad मुझ में लड़कीबाजी का गलत एलिगेशन लगा रहे हैं।  तब मेरे दोस्त ने मुझे कहा, कैसे माँ बाप है यार तेरा। जो तुमको नहीं पहचान पा रहा है। क्योकि मेरे दोस्त को पता था की मै  कैसे लड़का हूँ। 

          अब सीधा पॉइंट पर आतें हैं, 

            उस समय अगर मेरे माँ बाप मेरे सगाई के लिए मान जाते तो अच्छा होता, क्योकि इसके बाद मेरे ज़िंदगी मेरे में एक ऐसा मोड आया ना कि ,मैं कभी भूल ही नहीं सकता हूँ। 

           आप लोगों को सही से समझाने के लिए मुझे आपलोगों को कल्पना की दुनियाँ में ले जाना होगा। 

Date: 27/09/2000

       आज मैं कुछ और करना चाहता था, लेकिन मैं दूसरा कुछ नहीं कहूंगा। क्योंकि मैंने कहा था कि मैं आप लोगों को पूरी कहानी बताऊंगा।

कहानी की शरुआत।

        2020 में मेरे द्वारा परमेश्वर को जानने के बाद, मैं पूरे जोश होश में अपने घर से निकल गया। क्योंकि घर में कोई भी मुझे पसंद नहीं करता था।

        मैं यहां पर अपने मां-बाप को गाली नहीं दे रहा हूं। बल्कि मैं यह कहता हूं कि मुझे गर्व है, कि मुझे इतने अच्छे मां-बाप मिले। मुझे प्रॉब्लम इस बात पर है कि दुष्ट  ने मेरे मां बाप की आंखों को अंधा कर दिया है।

Real Story Will Be Update Soon...

Thursday, September 11, 2025

दुष्ट आत्मा: सच या झूठ?

September 11, 2025 0 Comments
दुष्ट आत्मा: सच या झूठ?
‌ ‌‌12/09/2025
       जब आप कहीं मंदिर या मस्जिद जाते हैं, या गिरिजाघर जातें हैं। और आप एक विश्वासी हैं, तो आपके दिमाग में यह बात जरूर आयी होगी, कि अगर परमेश्वर हैं तो दुष्ट आत्माएं भी जरूर होंगी। क्योंकि जहां सकारात्मक ऊर्जा होती है वहां नाकारात्मक ऊर्जा का जिक्र न हो ये हो नहीं सकता है।

      जैसे मैंने अपने बहुत से आर्टिकल में ये बात कही है, लेकिन आज मैं आप लोगों के साथ वह सब जानकारी साझा करना चाहता हूं, जो शायद हमें अपने मुंह से नहीं बोलना चाहिए। क्योंकि आज मैं वह सच्चाई बताने जा रहा हूं जो शायद ही आपको कोई बताएगा।

      मैं उन जगहों में पला बढ़ा हूं, जहां लोग बुरी शक्तियों की इस्तेमाल से दूसरे लोगों के घरों को उजाड़ने में लगे रहते थे और अब भी करते हैं।

   बचपन में ऐसी बहुत सी चर्चा सुनते थे, लेकिन तब मुझे इतना समझ में नहीं आता था। लेकिन अब जब से मैंने एकलौते परमेश्वर प्रभु यीशु को जाना है, तब से मानों मेरे आंखों की काली पट्टियां जो बंधीं हुई थी,‌‌‌‌‌‌‌खुल‌ सी गई है।



14/09/2025
       आज मुझे बाइबल से इतना अच्छा समझाया गया कि आज मैं वचन को अच्छी तरह से समझ गया। मुझे ऐसा लग रहा है जैसे जिस तरह पौलुस प्रचार करता था, वैसे परमेश्वर का वचन को प्रचार करने वाला आदमी मुझे मिल चुका है।
dating...

Tuesday, August 26, 2025

Manisha Hatyakand Haryana

August 26, 2025 0 Comments

 Manisha Hatyakaand Haryana

         मुझे पता है, इस घटना को दबाने के लिए कोई और नई घटना के तरफ लोगों का ध्यान खींचा जाएगा. और उस मनीषा दीदी के माता पिता की इंसाफ़ की आशा शीशे की तरह तोड़ दी जाएगी.

          क्योंकि जब लोग अपने द्वारा चुनें हुए गलत नेता नहीं समझते हैं, तो ऊपर बैठा परमेश्वर भी उन लोगों को अपनी हालत में छोड़ देता है. ताकि उन्हें एहसास हो सके, जिस हिन्दू राष्ट्र को बनाने के लिए लोग इतना उतावले हो रहे थे, उनका परिणाम कैसा होने वाला है.

         मेरे हिसाब से यह तो बस एक शुरूआत है, फिर भी लोग नहीं समझेंगे. और अगर मैं भी इन राज नेताओं के बारे में कुछ कहूं, तो शायद ये लोग मेरा वजूद ही नहीं मिटा दें 😭. 

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              मै जहाँ काम करता था, वहाँ पर लोग मेरा मजाक उड़ाते थे और कहते थे तुम तो बिकाऊ हो. तुम तो अपने हिन्दू धर्म को छोड़कर क्रिसचन धर्म को अपना लिया, और वे लोग गर्व से कहते,  I am proud that I am hindu. आज मेरा ऐसे लोगों से सवाल है, जो लोग मनीषा दीदी जैसों को जिन्दा सता कर मार देते हैं, क्या वे लोग क्रिसचन है?

           मुझे किसी के भी धर्म से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन जब हत्यारे खुले घूमते हैं और वही हत्यारे लोग हमें धर्म परिवर्तन के नाम पर सताते है. तो किसी को तो होना चाहिए, जो लोगों को यह दिखा सके कि वे जो खुद को सनातनी कहते हैं वे लोग और उनके बिरादरी के लोगों के काम कैसे हैं. मेरे कई हिन्दू दोस्त है जो मुझे समझते हैं और मैं उनलोगों का आदर करता हूँ. 

          मुझे हिन्दू धर्म से नफरत है या हिन्दू लोगों से मेरा नहीं बनता है इसलिए मैं यह नहीं बोल रहा हूँ. 

           मैं मनीषा दीदी के कारण बहुत गुस्से और दुख मे हूँ. और उन पर मुझे गुस्सा है, जो लोग धर्म के आड़ में लोगों पर अत्याचार करते हैं. और फिर भी वे लोग हम मसीही भाईयों को ऐसे देखते हैं जैसे कि हम कोई हत्यारे हैं, और लोग सत्य को नहीं मानते. बस, मुझे हिन्दू भाईयों से इसी बात की चिढ़ है.

Monday, July 28, 2025

प्रकाश की ओर

July 28, 2025 0 Comments

       मुझे पता नहीं चल रहा है कि मैं अपने अंदर की भावनाओं को कैसे व्यक्त करूं। क्योंकि आज पहली बार मुझे, पहले जैसा लगा जैसा मैं पहले था। मेरी उम्मीद की किरण तो परमेश्वर है, लेकिन फिर भी अगर इंसानों में से किसी एक अगुवा( Pastor) को चुनना हो, तो मैं उसको चुनना पसंद करूंगा जो सच में परमेश्वर के वचन के अनुसार चलता है।

        सच कहूं तो मैं पास्टर डेनियल राज का वीडियो पिछले कुछ दिनों से नहीं देख रहा था। लेकिन आज मैंने एक वीडियो देखा, उस वीडियो को देखने के बाद जैसे मेरे अंदर में एक एनर्जी दौड़ने लगा हो। यह रहा वह वीडियो 🎬 आप भी इसे देख सकते हैं।

       सच कहूं तो मुझे बहुत ही साफ-साफ संकेत मिल रहे हैं, जिससे मैं, मैं अपने काम में लौट पाऊं। चलिए एक बात मैं आपको बताता हूं।

       मान लेते हैं आपको एक हीरा या सफायर मिला। तो क्या आप उसके बाद। सोना, चांदी या लोहा को पाना पसंद करेंगे। सिंपल सी बात है नहीं। चलिए जब आपको हीराय सफायर मिला, तो आप बहुत ज्यादा खुश होकर के अपने पड़ोसियों को और अपने गांव वालों को दिखाते हैं।

     लेकिन वह गांव वाले या आपके पड़ोसी आपकी खुशियों से अंदर-अंदर जलने लगते हैं, उनके अंदर में ईष्र उत्पन्न होती है। परिणाम स्वरूप वह आपसे वह बहुमूल्य रतन छींनते तो नहीं है। लेकिन आप ज्यादा जोश में आकर, आप अपना वह बहुमूल्य रतन को देते हैं।

       आप मुझे आप जवाब दीजिएगा, क्या आप दोबारा उसे खोजने की कोशिश नहीं करेंगे। आप जरूर करेंगे, इसके बाद आप इतना ज्यादा खोजते हैं कि आपको सोना चांदी मिल जाता है लेकिन आपने जो खोया वह आपको वापस नहीं मिलता है। तो बताइए क्या आपको संतुष्टि मिलेगा या नहीं।

        बस मैं अपने अंदर की भावना को आप लोगों को बताना चाहता हूं। कभी-कभी हो सकता है शायद आप हार मान ले, लेकिन फिर आपको उसका मूल्य और उसकी अहमियत याद आती है। जिसके कारण से आप दोबारा उसे खोजने के लिए निकलते हैं।


       आज मैंने कुछ ऐसे स्वप्न देखे थे, कि मैं क्या बताऊं। मैंने देखा कि एक देवी है जो जीभ निकाली हुई है मैं और मेरे साथ दो आदमी था। उन दोनों को बली करने के लिए बातें हो रही थी। मुझे उतना साफ-साफ याद तो नहीं है लेकिन उनमें से किसी एक ने मुझे शायद एक बात कहा, यह कि उनके बदले तुम्हारे गले को काटा जाए।

          और शायद मेरा गला को काटा गया। लेकिन फिर मैं जिंदा था और मेरे मुंह में किसी इंसान का खून था। दूसरे शब्दों में कहूं तो इस स्वप्न के माध्यम से मुझे यह बताने की कोशिश की जा रही है कि कोई मेरे ऊपर जादू टोना करने की कोशिश कर रहा है।

       मैं जानता हूं कि जो लोग परमेश्वर के दास होते हैं, या जो अच्छे सेवक होते हैं। उन पर कोई भी जादू टोना काम नहीं करती है, लेकिन क्या हो अगर। कोई आप पर यह जादू टोना करने की कोशिश करें, कि आप परमेश्वर के राज्य में आगे ना बढ़ पाओ।

       कोई तो कारण होना चाहिए ना कि कोई आप पर जादू टोना करें, लेकिन मुझ में या मेरे ऊपर में जादू टोना करने के लिए तो हजारों कारण है।

        क्योंकि मैं गैर मसीह लोगों के बीच में परमेश्वर के वचन से लोगों को सीखाता था। मैं लोगों से ऐसी बातें करता था जिनका जवाब उनके पास नहीं होता था। अब जरा बताओ अगर मैं ऐसा प्रचार करूं, और शैतान के अंदर में गुस्सा ना जागे। ऐसा तो हो ही नहीं सकता। अब मैं सोच रहा हूं कि जो खरे प्रचार हैं। उन्हें कितनी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।

          खैर कोई बात नहीं, मैं अधूरे रास्ते में ही हार मान जाऊं। इतना कमजोर नहीं हूं मैं। मैं जो स्वप्न में देवी देवताओं से लड़ता हूं, फोन में से 99% देवी देवता हिंदू धर्म के होते हैं। यह एक अलग मामला है, इसके बारे में मैं तभी बात करूंगा जब कोई मुझे कमेंट करेगा।

Sunday, July 27, 2025

अपनी बात किससे कहें?

July 27, 2025 0 Comments

           यह बहुत ही एक मुश्किल सवाल है यार, मेरा जिंदगी बहुत ही बेकार जा रहा है फिलहाल तो। ऐसा लग रहा है जैसे मुझ में कोई भी लक्ष्य नहीं है। दूसरे शब्दों में कहूं तो मेरा उद्धार होने के पहले मैं जैसे जीता था। अब मैं उससे भी बेकार जिंदगी जी रहा हूं। बहुत ही गंभीर समस्या है यार यह। जब हमारी जिंदगी उथल-पुथल हो जाती है तो हम किसी को खोजने लगते हैं, ताकि हम अपने दिल की बात उससे कह सके। मैं भी वैसे ही हूं, कहीं पर भी थोड़ी सी मुझे खुशी या अपनापन लगे मैं तुरंत उसमें बह जाता हूं। लेकिन जो भी हो मुझे किसी भी लड़की के चक्कर में नहीं पड़ना, मैं ऐसे ही ठीक हूं।

         मुझे बुरा कब लगता है पता है, जब हम किसी इंसान को अपना समझते हैं और वह पराया निकल जाता है। उदाहरण के लिए मेरे मां बाप। कहीं आप यह तो नहीं सुनना चाहते थे कि मैं किसी लड़की का नाम लूंगा।☺️

       यार मैं क्या कहूं। मुझे तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था।😅

      मेरा उद्धार होने के बाद, मेरा जिंदगी एकदम मस्त था। मैं अभी भी अपने परमेश्वर की ओर वापस मुड़ सकता हूं। लेकिन पता नहीं मैं कैसे या नहीं कर पा रहा हूं। ना मुझे बाइबल पढ़ने का मन करता है और ना ही प्रार्थना।

       मुझसे बेहतर तो कुत्ता है यार। 🥹

जैसे भी हो कुत्ता कभी भी अपने मालिक को धोखा नहीं देता है। जब तक उसकी मानसिक स्थिति खराब ना हो जाए, जब कोई कुत्ता पागल हो जाता है। तो भी वह अपने मालिक को पहचानता है, लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं है।

       मुझे जो सपना आता है, उन सपनों को मैं अच्छा से समझता हूं। लेकिन क्या फायदा, जब मैं उसके अनुसार कुछ भी ना कर पाऊं।

      मैंने सपनों में देखा था कि परमप्रधान परमेश्वर अब भी मेरी राह देख रहा है। लेकिन पहली बार मुझे ऐसा लग रहा है कि आप मुझे कुछ नहीं होगा।

      मैंने लोगों को परमेश्वर के बातें सीखाना बंद कर दिए हैं। क्योंकि अब मुझ में वह काम करने का मन नहीं करता है, जिससे परम प्रधान खुश होता है। सीधी सी बातें हैं, किसी को तो मेरे कामों से बहुत ज्यादा तकलीफ हो रहा था। और वह नहीं चाहता है कि मैं वापस खड़ा हो जाऊं।

      जब मुझे यह बात पता है फिर भी मुझ में वह ताकत नहीं है, वही ताकत जिससे मैं वापस खड़ा हो पाऊं। और मेरा ताकत तो यीशु मसीह ही था। लेकिन वही ताकत अब मुझ में नहीं। 

      मैं शैतान के प्लानिंग में धीरे-धीरे फसता गया, तब तो मुझे एकदम नॉर्मल लगता था। लेकिन अब मैं इस कदर फस चुका हूं की पता नहीं मैं वापस निकल भी पाऊंगा या नहीं।

        मैं कैसा आदमी था अगर आप यह जानना चाहते हो, तो मेरे जैसा एक आदमी है। मेरे से वह हजारों गुना बेहतर है। लेकिन अगर मैं आपको यह समझाना चाहूं कि मेरे अंदर में किस चीज का तड़प था? मेरे अंदर में क्या करने की चाहत था? और मैं सब कुछ छोड़-छाड़ कर, बिना सैलरी के, सब कुछ अपने दम पर करके और लोगों से मिला करता था? Pastor Daniel Raj. इनकी टीचिंग में और मेरी टीचिंग में बस 19,20 का फर्क होता था। मैं जानता हूं उनकी टीचिंग में और मेरी टीचिंग में जमीन आसमान का फर्क है। यह मैं इसलिए बोल रहा हूं क्योंकि मुझे पता है अगर मेरी टीचिंग इतनी ही बेहतर होती तो मैं शैतान की चंगूल में यूं ही नहीं फंसा रहा था। लेकिन जो बेसिक होती है, वह हम दोनों का लगभग सेम था।

         अब मुझे लगता है, सच में शैतान नहीं चाहता है कि कोई भी परमेश्वर के वचन को सही तरीके से समझे और लोगों को भी समझाएं।

      Pastor Daniel Raj अभी के समय में सबसे बेहतर है। यह बात मैं इसलिए बोल रहा हूं क्योंकि जब मुझे परमेश्वर की आवाज सुनाई देती थी। तब परमेश्वर मुझे जो चीज करने के लिए प्रोत्साहित करती थी वह सारा चीज Pastor Daniel Raj कर रहा है।

     अब मेरे अंदर में एक उम्मीद की किरण जगी है, लेकिन मैं क्या करूं शैतान मुझे हराने के लिए हर मुमकिन कोशिश करता है। मुझे पता है मैंने जो प्लानिंग किया है, मेरी प्लानिंग को भी शैतान बिगड़ने की कोशिश करेगा। बार-बार मैं एक बात बोल रहा हूं। मुझे इतना ज्यादा गिराने की कोशिश किया जा रहा है, इसका एकदम से साफ मतलब निकलता है। वह यही है कि जरूर मुझे बहुत महत्वपूर्ण काम सौंपा गया है। और कोई चाहता है कि मैं वह काम ना कर पाऊं।

       लेकिन समय आने देते हैं, जरा मैं भी तो देखूं कौन किस पर भारी है। वह मुझ में भारी पड़ता है जो मुझे बार-बार गिरता है, या फिर मैं उसमें भारी पडूंगा। यह तो वक्त ही बताएगा। पता नहीं मुझे क्या पसंद है क्या नहीं। लेकिन मैं मरने से पहले पूरी दुनिया को अपने बारे में बताना चाहता हूं।

        शायद मैं पूरी दुनिया को इसलिए बताना चाहता हूं क्योंकि मैंने सारी जिंदगी तनहाई में गुजारी है। दोस्त लोग मेरा मजाक उड़ाते थे और लड़कियों से तो दूर-दूर तक मेरा नाता नहीं था। और मेरे मां-बाप उन्होंने मुझे कभी समझ ही नहीं। तो बताओ ऐसे में एक लड़का, एक छोटा सा लड़का आखिर क्या कर सकता है।

          मुझे लग रहा था कि यह जिंदगी का ठोकरे मुझे मजबूत करेगी। लेकिन मैं बहुत ही ज्यादा कमजोर हो गया हूं। कभी-कभी तो मुझे लगता है कि अगर मैं मर जाऊं तो अच्छा है। बहुत अजीब बात है यार यह सब, अगर किसी इंसान को जीने की चाहत ना हो। तो साफ-साफ पता चलता है कि उनकी जिंदगी में बीती है।

           अगर मेरी उम्र 55,56 साल की होती, तो हम मान सकते हैं कि शायद। लेकिन 20,21 साल का लड़का अगर ऐसी बहकी बहकी बात करें। तो समझ जाना की उनकी जिंदगी कैसे रही होगी।


Monday, July 7, 2025

एक सच्चा परमेश्वर

July 07, 2025 0 Comments

 एक सच्चा परमेश्वर की खोज

         आज से लगभग 10 साल पहले की बात है। जब मैं एक सच्चे परमेश्वर की खोज में था। उस समय मैं 13 साल का था और इस दुनियादारी से मैं बिल्कुल अनजान था, मैं एक ऐसा परमेश्वर की तलाश में था। जो सबका बोस है, उस समय मुझे बताया गया था कि 'सभी धर्म एक है, हम लोगों को एक ही परमेश्वर के पास जाना है। लेकिन रास्ता अलग-अलग है।' वैसे लोगों का बात सही था या नहीं इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता था।

कौन सी बात मुझे सच्चे परमेश्वर को खोजने के लिए मजबूर किया?

  • अलग-अलग देवी देवता और उनके गुणों के कारण।
  • लोग जादू टोना के लिए खास कर देवी देवता के पास बली चढ़ाते हैं।( आदिवासी समुदाय के अनुसार)
  • अगर आप सक्सेस हो रहे हैं, तो आपके आस पड़ोस के लोग आप पर तंत्र क्रियाएं करेंगे। ताकि आप आगे ना बढ़ पाए।
  • सबसे जरूरी मुद्दा: गांव घर में सबसे ज्यादा जमीन को लेकर झगड़ा होता है, क्योंकि जब हम ऐसे बीमारी में फंसते थे जहां कोई भी डॉक्टर का दवा काम नहीं करता था। तब हमें मजबूरन बाबा के पास जाना पड़ता था। और बाबा हमें बताते थे कि आप पर तंत्र क्रिया किया गया है। इसलिए कोई अच्छा से अच्छा दवा भी काम नहीं कर रहा है।
          इस प्रकार के तमाम मुश्किलें होती थी, मैं तो ज्यादा बाबाओं पर यकीन नहीं करता था। लेकिन मेरे दोस्त लोग मुझे यही सब बताते थे और पूरे समाज में यही सब होता था। मैंने तंत्र क्रिया के रिजल्ट को अपनी आंखों से देखा था शायद, मैं यहां पर शायद शब्द का उपयोग इसलिए कर रहा हूं। क्योंकि मुझे नहीं पता मैंने जो देखा था वह किस चीज का कारण था। लेकिन मैं बचपन में कई सारे ऐसे रहस्यमय एक्टिविटी को देखा करता था, जिसका यकीन कोई भी ना करें।
           अगर वह सब रहस्यमय घटनाएं, मेरे साथ एक या दो बार घटना तो उसको मैं हल्लुसीनेशन या फिर अपने दिमाग का भ्रम समझ कर अनदेखा कर देता। लेकिन यह सब घटनाएं मेरे साथ ऐसे होने लगा, कि जब मैं लोगों को होने वाले घटनाओं का रिजल्ट बताता था और वह घटना हो जाता था तो लोग आश्चर्य चकित हो जाते थे। उदाहरण के लिए, मेरा घर ऐसी जगह पर स्थित है, जहां पर काली शक्तियां रोज काम करती है। मेरे घर के बगल में बांस की झाइयां है, अगर वहां से रात को एक उल्लू के रोने का आवाज सुनाई दे तो दो या तीन दिन के बाद मेरे गांव में एक इंसान का मरना निश्चित होता है।
          और मुझे यह बात नहीं पता कि उस उल्लू का रोने का आवाज मुझे ही सुनाई देता है या फिर किसी और को भी।
         बहुत सारे लोगों को इन सभी घटनाओं के बारे में पता होता है, लेकिन यह लोग इसके बारे में बातें करने से डरते हैं। लेकिन मेरे ऊपर में सर्व शक्तिमान पिता परमेश्वर का हाथ है, जिसके कारण मैं इन सारे घटनाओं को दूसरों के सामने लाने से नहीं डरता। हालांकि मेरे साथ एक बार या दो बार ऐसा हुआ था कि मैं किसी बड़ी काली परछाई के आमने-सामने खड़ा था। और वह कोई भरम नहीं था, क्योंकि भरम एक या दो सेकंड के लिए ही होता है।
         रात को 11:00 बजे आसपास, मैं अपने घर से बाहर टॉयलेट करने के लिए निकला। क्योंकि गांव में टॉयलेट रूम नहीं होता था। जब मैं बाहर निकाल तब चांदनी रात थी, और मेरे बाहर निकलते ही, एक काली परछाई को मेरे तरफ आते हुए देखा। वह आया और मेरे से लगभग 1 मीटर की दूरी पर होती है। मैं इतना डर गया कि मेरा हिम्मत नहीं हुआ मेरे बाएं तरफ देखने की, क्योंकि मैंने उसको देखा वह एक काले भालू की तरह लग रहा था। तब मैंने सोचा अब जब अपना-सामना हो ही गया है, तो क्यों ना मैं चुपचाप टॉयलेट कर लूं।
             जब तक मैं टॉयलेट करता रहा, वह भी खड़ा रहा। इसके बाद में दाएं और से मुड़कर अपने घर के अंदर चला गया। बहुत ज्यादा हल्ला करने के बावजूद भी मेरे मम्मी पापा का नींद नहीं खुला। जैसे किसी ने उन्हें नींद की गोली दे दी हो। जब मैं सुबह बताया अपने घर वालों को, मेरे मम्मी पापा लोगों ने मुझे टाटा और मुझे चेतावनी दिया रात को बाहर न निकलने की।
       इस तरह की घटनाएं हमारे कस्बे में कॉमन होती थी, इसके बाद जब मैं पवित्र बाइबल पढ़ा। तो उसमें लिखा हुआ था कि "मैं तुम्हें कभी नहीं छोडूंगा, कोई तुम्हारी एक बाल भी बांका नहीं कर सकता। मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा।"
         और शायद यही बात सही है, कि शैतान का इतने सारे राज पता होने के बावजूद भी आज तक मैं जिंदा हूं। 
         मैं पवित्र बाइबल के बहुत सारे आयतों से बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ हूं। जैसे -
"तुम मुझे क्या दोगे, यह सारे सृष्टि मैंने बनाया है।"
और बात तो बिल्कुल सही है, हमें परमेश्वर को किसी बकरी, भेड़ या गाय बैल देने की जरूरत नहीं है। क्योंकि सब कुछ उसी ने तो सृजा है, और पवित्र बाइबल पढ़ने के बाद मैंने बहुत सारे बातों को अपने अंतर आत्मा से जांचा। और मैंने यह पाया कि यीशु मसीह की एक सच्चा परमेश्वर है। इस टॉपिक के बारे में मैं किसी और दिन आप लोगों के सामने आऊंगा।


Sunday, June 22, 2025

एक चुप कहानी: जब मैं खुद से मिलना भूल गया था

June 22, 2025 0 Comments

एक चुप कहानी – जब मैं खुद से मिलना भूल गया था

दिन – वही थे। लोग – वही थे। पर मैं... मैं कहीं खो गया था।

हर सुबह वही अलार्म, वही नाश्ता, वही हँसी, वही सोशल मीडिया की दिखावटी ज़िंदगी। मैं चलता रहा — भीड़ के साथ। मगर अंदर एक सन्नाटा था।

फिर एक दिन...
वो डायरी मिल गई।

पुरानी, धूल भरी, कॉलेज के दिनों की। जैसे किसी ने समय में छुपा कोई दरवाज़ा खोल दिया हो।

"आज मैं अकेला नहीं हूँ, क्योंकि मैं खुद के साथ हूँ।"

मैं ठिठक गया।
ये मैं ही था? इतना सच्चा, इतना साफ़?

मैंने पन्ने पलटे –

  • जहाँ मैं अपने डर से लड़ता था,
  • सपनों को खुलकर लिखता था,
  • और सबसे ज़्यादा – खुद से प्यार करता था।

🙏 फिर मैंने खुद से वादा किया:

हर दिन के अंत में एक लाइन खुद के लिए लिखूँगा।
ना इंस्टाग्राम के लिए, ना किसी लाइक के लिए —
बस खुद के लिए।

🖊️ आज की लाइन:

"मैं फिर से जी रहा हूँ — अपने साथ।" 🕊️

❤️ अगर आपने कभी खुद को खोया हो, तो ये कहानी आपके लिए है।



👇 कमेंट्स में बताओ – क्या तुमने भी कभी खुद से दोबारा मुलाकात की है?

#EmotionalStory #HindiDiaryBlog #SelfLove #RediscoverYourself #RaviLifeDiary

Saturday, June 21, 2025

आत्मिक सफर का सच्चा अनुभव

June 21, 2025 0 Comments

 आत्मिक सफर का सच्चा अनुभव

Intro  

           जैसे कि आप लोगों को पता है कि मैं एक संसार एक व्यक्ति था। फिर मेरे साथ एक बहुत ही दिलचस्प घटना घटा। मुझे बचपन से ही खुद पर सक होता था, कि मैं ऐसा क्यों हूं। मैं आत्मिक सफर का सच्चा अनुभव, शॉर्टकट में बताना चाहूंगा। इसको विस्तार से समझने के लिए मेरे जीवन के हर एक पहलुओं को जानना जरूरी है। लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता कि आप लोगों को एक ही आर्टिकल में सब कुछ खिचड़ी बनाकर मिक्स करके बता दूं। मैं कोशिश करूंगा कि आप लोगों को समझने में कोई दिक्कत और परेशानी ना हो। 


      मैं एकदम शांत मिजाज का लड़का हूं। किसी से कोई बातचीत नहीं कोई रोक-टोक नहीं। मैं अपने ही शान में जीता था। मैं अपने असली नाम भी बताने से डरता हूं। क्योंकि कहीं मेरे जीवन से जुड़े लोगों पर सवाल न उठाया जाए। लेकिन क्या करूं, मेरा जिंदगी में ऐसे ही पड़ाव थे। जिससे हर हर उस व्यक्ति को सिखाना चाहिए जो अपने आदमी जिंदगी को मजबूत या सुधार करना चाहते हैं। अगर आप सच में परमेश्वर को मानते हैं और यह भी मानते हैं किस शैतान भी है, तो यह आर्टिकल आपका बहुत कुछ सिखाएगी। बहुत अजीब बात है अपनी बातों को रखने के लिए मुझे आर्टिकल का सहारा लेना पड़ रहा है। लेकिन मैं क्या करूं, मैं अपनी डायरी लिखूंगा।


शुरूआत: मेरी आदतें

     जैसे कि मैं बोल रहा था मुझे चुपचाप रहना पसंद है। लेकिन अगर कहीं बोलने के लिए मौका मिले तो मैं छोड़ता नहीं हूं। मुझे कहानी पढ़ना बहुत अच्छा लगता है, बचपन से ही मैं बच्चों की पंचतंत्र जैसी कहानी बहुत पढ़ा करता था। बचपन में मैं अपनी मम्मी पापा को मेरे साथ हो रहे घटनाओं को अक्सर बोला करता था। लेकिन कोई भी मेरे बातों पर यकीन नहीं कर पाता था, या शायद यकीन करते थे लेकिन जताते नहीं थे। क्योंकि उनकी आंखों का एक्सप्रेशन साफ जाहिर करता था कि उन्हें मेरी बातों को समझ में आया। जब मैं किशोरावस्था में आया तब ज्यादा घटनाएं घटने लगी मेरे साथ, जैसे कोई घटना होने का अंदेशा पहले हो जाना। बस इतना ही कोई खास नहीं, मेरा जिंदगी का एक मोटिव था। वह यही था कि मैं एक ही लड़की से प्यार करूंगा और उसी से शादी करूंगा। और दूसरा चीज अगर मेरे कारण से एक परिवार का जान बचता है तो मैं अपनी जान के परवाह नहीं करूंगा। बिल्कुल अपने बाप(यीशु मसीह) का स्टाइल है। और मेरा सबसे खास आदत था और अब भी है किसी से रिश्ता बना लो तो उसको अंत तक निभाना, चाहे वह दोस्ती का रिश्ता हो, भाई बहन का, या फिर किसी भी चीज का रिश्ता हो। एक बार किसी से बना लिया तो तोड़ेंगे नहीं, मैं अपने जीवन पर बहुत ही अच्छा था। बस अपने गांव और अपने परिवार के लिए कुछ करना था, लेकिन मुझे क्या पता कि इस जिंदगी की राहें मुझे कहीं और ही ले जाएंगे।


      मैं अपने हिसाब से बिल्कुल सही था। किसी के लिए कोई जलन या नफरत नहीं, और ना ही किसी से कोई लेना देना। कई बार लड़कियों को पटाने की भी कोशिश किया 🤭 लेकिन मैं नाकाम रहा। मैं नाकाम इसलिए हुआ क्योंकि मुझे ज्यादा इंटरेस्ट नहीं था लड़कियों में। अगर मुझे किसी ने था तो वह अपने जैसा होना चाहिए, जबकि आजकल ऐसा कोई भी नहीं है। मेरे बारे में फिलहाल तो इतना ही याद आ रहा है, क्योंकि मैं आप लोगों को अपने बारे में सब कुछ अच्छा सा बताना चाहता हूं। यही कि मैं अपना आत्मिक सफर कैसे तय किया, मैं यह सोचता हूं कि अगर कोई मुझे ऐसा इंसान मिल जाता जो मुझे वह सब बातें बताता है जो मैं आपको बता रहा हूं। तो आज मेरी जिंदगी वाकई में बहुत अच्छा होता,😞 अब मैं थोड़ा सा उदास हूं। क्योंकि जैसा जिंदगी मैं चाहता था वैसा मैं नहीं कर पाया।

To Be Countinue (paused by some technical issues)

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Tuesday, June 17, 2025

वह आने वाला है

June 17, 2025 0 Comments

 वह आने वाला है

  Intro

    आखिर क्यों मैं इतनी रात को अपनी डायरी लिख रहा हूं?

दिनांक 18/06/2025

अभी रात के 02:59 AM हुआ है। 03 बजने ही वाला है। मैं परमेश्वर को साक्षी मानकर अपनी यह डायरी लिख रहा हूं, आखिर ऐसा क्या चीज है जो मुझे इतनी रात को लिखने के लिए मजबूर कर दिया। मैं खुद को एक पापी इंसान मानता हूं, क्योंकि मैंने अपने परमेश्वर को दुख पहुंचाने के अलावा दूसरा कोई काम नहीं किया है। अगर मैं भी दूसरे सांसारिक लोगों के जैसा होता, और परमेश्वर को नहीं जानता। तो बात अलग थी, लेकिन मैं तो परमेश्वर से रूबरू हुआ हुं। मैं खुद को किसी बाबा या किसी धर्म का अगुवा नहीं मानता हूं। क्योंकि संसार में ऐसे ऐसे लोग भी हैं जो यह विश्वास नहीं करते हैं कि जो मैं बोल रहा हूं वह बिल्कुल सही बोल रहा है। पवित्र शास्त्र के अनुसार मैं यहोवा परमेश्वर की शपथ नहीं खा सकता, लेकिन बातों को अपने प्रभु के सामने रख सकता हूं। और इसीलिए मैंने कहा कि मैं परमेश्वर को साक्षी मानकर अपनी बातों को इस डायरी में लिखता हूं।



मेरी दशा

  मैं तो वह नाली का कीड़ा हूं, जो किसी का भी नहीं हो सकता है। ना अपने परिवार का, ना इस पापी संसार का और न ही परम प्रधान परमेश्वर का। क्योंकि मैं खुद को पवित्र नहीं रख पा रहा हूं, लेकिन आज मैंने कुछ ऐसे स्वप्न देखें है, जिसे लिखना मेरे मन में मना किया गया है। जैसे मैंने यह सोचा कि जो मैंने देखा उसे मैं लिखूं, वैसे ही मेरे मन में एक हल्की आवाज में एक बात आया। "उसे‌ मत लिख" लेकिन मैं फिर भी लिखूंगा। क्योंकि मेरा परमेश्वर गड़बड़ का परमेश्वर नहीं है। वह जब कुछ भी बताता है तो साफ-साफ बताता है, इसलिए मैं यह समझता हूं की परम प्रधान ने मुझे लिखने से मन नहीं किया है। और एक बार में साफ-साफ बोल रहा हूं कि न मैं कोई बाबा हुं, और न ही मैं किसी भी धर्म का अगुवा, मैं उस परमेश्वर का तुच्छ दास हूं, जिसने सारी सृष्टि बनाई है। और ना ही मैं किसी धर्म के प्रचारक हूं। जब मैं लिखना शुरू किया तब मेरा शरीर-हाथ, कांप पर रहा था।

आखिर क्या देखा मैंने

   ऐसा बात नहीं है कि मैं यह पहली बार देख रहा हूं, मैं यह आज से से ‌‌‌12-13 साल पहले से देख रहा हूं। लगातार एक ही सपना, यह कैसे मुमकिन हो रहा है? और सपने में बताएंगे हर एक चीज क्यों पूरा हो रहा है? पहले मैं यह सब नजर अंदाज कर रहा था, लेकिन अब मैं नजर अंदाज नहीं करूंगा। क्योंकि मेरा नजर अंदाज करना, मुझे भारी पड़ सकता है।

    मैं आपको ( यानी इस डायरी को) केवल इंपॉर्टेंट घटना को ही बताऊंगा। क्योंकि मेरा कोई दोस्त नहीं जो मुझे समझ सके। अब तक मैंने जो देखा था, वह यादें धुंधली होती जा रही है। जैसे की कोई मेरे दिमाग से छेड़छाड़ कर रहा हो। जैसे की कोई यह चाहता है कि मैं इन बातों को आपके सामने ना रखूं। लेकिन मैं परमेश्वर से प्रार्थना की है कि मेरी यादें धूधली न हो और शायद इसलिए मैं अभी लिख पा रहा हूं।

क्या देखा था मैंने

  मैंने देखा, कि मैं और मेरा दोस्त मनु। हम दोनों लैपटॉप खरीदने के लिए कहीं जा रहे हैं। रास्ते में एक व्यक्ति मिला, और कुछ नहीं है मुझसे कहा कि अगर तुम्हें लैपटॉप चाहिए तो मैं तुम्हें एक कोड बताता हूं। और दुकान में यह कोड बता देना, ताकि वह कम दाम में एक अच्छा लैपटॉप दे सके। मैं ज्यादा कुछ ना सोचते  हुए एक दो कदम आगे बढ़ा, और मैं जैसे ही आगे बढ़ा मेरा दोस्त मुझे पीछे था, वह दुकान के पास आया। क्योंकि वह पीछे था मैं अपने दोस्त की तरफ गया और इधर-उधर से तीन-चार लोग आए। उन में से एक के पास बंदूक था, जो शायद उन लोगों का हेड था। मुझे अपने दोस्त के साथ कहीं ले जाया जाने लगा। मुझे आभास हो गया, कि जहां भी लैपटॉप मिलेगा। यह लोग हमसे छीना झपटी करेंगे। मैं समझ गया कि यह लोग चोरी का माल बेचते हैं, और जो दो तीन चार लोग थे वे सभी भी उन चोरों का ही गैंग है।

    जब हम दोनों को कुछ दूर ले जाया गया, तब मुझे पता चला कि मेरा दोस्त ने उन लोगों के साथ हाथ मिला लिया है। और उसने मुझे पकड़वाया है। मेरे कहने का मतलब है, एक सुनसान जगह पर मेरा दोस्त मुझे उन लोगों के हाथों सौंप कर हंसते हुए दूर जा रहा था। तभी अचानक उन लोगों में से दो-तीन लोगों ने उसको भी पकड़ लिया। ऐसा लगा जैसे कि उन लोगों ने मेरे दोस्त के साथ झूठा वादा किया होगा, कि हम लोग तुमको छोड़ देंगे।

     अब हम दोनों को किसी भी लैपटॉप दुकान में नहीं ले जाया गया। सबसे पहले तो मुझे मारने की कोशिश किया गया, उन लोगों ने मुझे गोली मारने की कोशिश किया। लेकिन गोली मुझे नहीं लग रहा था। इसके बाद उन लोगों ने मुझे और मेरे दोस्त को‌ ऐसा जगह ले जाया गया। जहां पर बहुत सारे लोग बैठ करके किसी देवी या देवता का पूजा कर रहे थे। नजदीक जाने के बाद मुझे पता चला, कि हम दोनों को नरबलि के लिए लाया गया है। क्योंकि जो मूर्ति मुझे दिखा वह जीवित दिखाई दे रहा था, वह मूर्ति दिखने में जीवित इंसान की तरफ प्रतीत हो रहा था। मैं उस मूर्ति के बारे में बताता हूं, वह एक औरत की मूर्ति था। और वह खून से लथपथ है, वह‌ अपनी लंबी जीभ निकाली हुई है, जैसे कि वह लोगों का रक्त पीना चाहती हो। नहीं यहां पर उस देवी का नाम नहीं बता रहा हूं, मैं बस उसके बारे में बता रहा हूं।

    अब लोग ज्यादा से ज्यादा मंत्रों का उच्चारण कर रहे थे। और जो लोग हमें ले आए थे, उनमें से एक मुझसे कहता है नाच। लेकिन मैं नचा नहीं, मैं उनके मंच में जाकर उन लोगों से कहने लगा " यहोवा आ रहा है" और यही चीज मैं गाते गाते बोलने लगा। उसके बाद जब मैं जा रहा था तब मैं यह सोच रहा था कि कोई आकर मेरा गला काट देगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं, मैंने देखा जो लोग हम दोनों का गला काटने वाले थे। उन लोगों का गला कोई अदृश्य शक्ति काट रहा था। और साथ में मैं भी काटने लगा उस अदृश्य शक्ति के साथ। वह शायद परमेश्वर का कोई दूत होगा, ऐसा मैं सोचता हूं। लेकिन जब उन लोगों का गला कट रहा था, तब मुझे ऐसा लगा जैसे कि परम प्रधान परमेश्वर खुद उन लोगों का गला काट रहे हों। अब भीड़ में अफरातफरी का माहौल था। मैं उन लोगों से बोल रहा था, जो बच गए थे और जिनका गला नहीं काटा "मैं जिसको मानता हूं वह जीवित परमेश्वर, वह किसी मूर्ति में वास नहीं करता है। जब तुम लोग मुझे और मेरे दोस्त को काटने ( बलि‌ करने) वाले थे। तब मेरा यहोवा ने मुझे बचाया। पर अब जब तुम लोगों का गला कट रहा है, वह भी तुम ही लोगों के देवी के सामने। फिर भी तुम्हारी देवी तुम लोगों के लिए कुछ नहीं कर रही है।" ऐसा लग रहा था कि मेरे परमेश्वर की उपस्थिति के समने वह देवी लाचार है। और मेरे परमेश्वर की उपस्थिति मेरे आवाज से प्रकट हो रहा था। ऐसा लग रहा था कि मेरा आवाज में वजन है।

   इस घटना के बाद मैं और मेरा दोस्त बाहर निकले। लेकिन मैं दरवाजे से बाहर निकल चुका था। अब मेरा दोस्त और उसके साथ एक लड़का (वह लड़का कहां से आया पता नहीं, लेकिन अब हमारे साथ। शायद जब मैं बोल रहा था तब उनका मन परिवर्तन हुआ होगा) दोनों अंदर में ही थे। मेरे प्रचार के पास उन दोनों में अलग जोश दिखाई दे रहा था। और वे दोनों देवी की तरफ जाने लगे। लेकिन जैसे ही वे दोनों उस देवी के नजदीक गए, वैसे ही ‌‌‌उस देवी ने उन दोनों को अपनी शक्ति से हवा में उछाल दिया। अब दोनों उस देवी के प्रकोप का शिकार हो गए थे, मैं दरवाजे के बाहर सब कुछ देख रहा था। अब मैं क्रोध में आ गया और जैसे ही मैंने अपना एक पैर गुस्से से उस देवी के चौखट में रखा वैसे ही वह देवी मुझसे डर कर शांत हो गई। असल में वह मुझसे नहीं बल्कि मेरे अंदर में जो परमेश्वर जो परमेश्वर है, उससे डर रही थी। ऐसा लग रहा था मैं और मेरा परमेश्वर ( यीशु मसीह) हम एक हैं।

   इतने में मेरा आंखें खुल गया। यह देख कर मैं बहुत ज्यादा भयभीत हो गया, कि फिर से परमेश्वर ‌‌‌‌ने अपने आने का संकेत दिया है।  मैं इसलिए घमंड नहीं करता हूं कि मैं टैलेंटेड हूं, मुझ में हुनर है। मैं इसलिए घमंड करता हूं क्योंकि मैं परमेश्वर को जानता हूं। मैं यह सब लिखने से इसलिए नहीं घबरा रहा हूं, क्योंकि उस दुष्ट ने मुझे बहुत परेशान किया है। अब जब परमेश्वर की कृपा हुई है, तो अब मेरी बारी है। मेरी लड़ाई इंसानों से नहीं है, बल्कि उस अंधकार की शक्तियों से है जो इंसानों को पापों की ओर धकेलती है।

मैंने जो सपना देखा था। अब मुझे इतना ही याद है। लेकिन फिर भी मुझे आपसे बहुत कुछ कहना है।


दिनांक 19/06/2025 03:00 PM

जब से मैंने ऊपर के सभी चीजों को लिखा है। तब से मेरा तबियत बिगड़ हुआ है।

दिनांक 22/06/2025

मैं बस यही स्टडी कर रहा था की जो मैंने सपना देखा था, इसका मतलब क्या है। क्योंकि परमेश्वर का हमारे साथ सपनों के द्वारा बात करने का पुराना तरीका है। अभी रात के 12:22 हुआ है और मैं अपनी डायरी लिख रहा हूं। आप लोगों को बताना तो नहीं चाहता हूं लेकिन फिर भी मैं बताता हूं। व्यभिचार की आत्मा मुझे बहुत परेशान करती थी, और जब से मैंने यह सपना देखा है  उसके बाद से व्यभिचार मेरे दिल और दिमाग से निकल चुका है। मुझ में एक सबसे बड़ी गंदी आदत थी, और वह था अपने वीर्य को नाश करना। अब ऐसा लग रहा है कि मैं बदल रहा हूं। यह प्रक्रिया मेरे साथ हो चुका है पहले, कि मैं पहले कैसा था और मैं कैसे बदल गया।

        वह सब लंबी कहानी है, अभी अगर मैं यहां वहां बताऊंगा तो कुछ समझ में नहीं आएगा। इसलिए मैं चाहता हूं कि एक अच्छा सा आर्टिकल लिखूं अपने जीवन से संबंधित। ताकि किसी को भी पढ़ने में और समझने में दिक्कत ना हो। मैं अभी जान रहा हूं कि बहुत सारे लोग, जो मैं लिखता हूं उसको पढ़ने में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। लेकिन मैं कोशिश करूंगा  दिक्कतों को खत्म करने के लिए।

Monday, June 16, 2025

Answers For Hindusam

June 16, 2025 0 Comments
Answers For Hindusam

सवाल एवं जवाब 
मुझे यह करते हुए बहुत खेद हो रहा है कि कुछ हिंदु धर्म के भाईयों ने मुझे अपने शास्त्रों के अनुसार नहीं बल्कि अपने अनुसार मेरे सवालों का जवाब दिया। जबकि उन्हें अपने शास्त्रों के अनुसार जवाब देना चाहिए था। और सबसे खराब तो मुझे इस बात का लगा कि वे लोग कहते हैं कि हम लोग किसी जानवर को बलि नहीं करते हैं, और जब मैंने उनसे कहा कि मेरे पास कई ऐसी वीडियो है जिसमें दिखाया जा रहा है कि मंदिरों पर बलि किया जाता है। इसके बाद उनका क्या जवाब था पता है?  उनका जवाब था यह सच नहीं है। यह उन लोगों का काम है जो धर्म परिवर्तन कराते हैं। तो मेरे कहने का मतलब यह है, कि अगर आपको अपने ही धर्म के बारे में सही से नहीं पता तो फिर दूसरों के बारे में क्यों उंगली उठाते हो? 
       अच्छा चलिए मैं आप लोगों को वह सब वीडियो शेयर करता हूं।
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  अपना बस एक ही स्टाइल है, मैं किसी को नहीं छेड़ता हूं, लेकिन अगर कोई मुझे छेड़ दे। तो फिर मैं छोड़ना भी नहीं हूं। यह मेरा बहुत ही फेमस कहावत है।
   मेरे कहने का मतलब है आपको जब अपने ही धर्म के बारे में ज्ञान नहीं है। तो आपको सीधा-सीधा बोलना है मुझे नहीं पता है। डींगे क्यों हांकते हो?
   मैंने एक टॉपिक शुरू किया है आत्मिक दुनिया, और जैसे कि मैं इसमें कहा था कि मैं आदमी की दुनिया में अपने पर्सनल अनुभव को शेयर करूंगा। मैं पहले खुद हिंदू था, और अभी मैं हिंदू धर्म नहीं मानता हूं। इसके कई सारे कारण है, मैं वह सब चीज नहीं बताना चाहता हूं।
   और जब मैं अपने हिंदू भाइयों से कहा कि मैं यीशु मसीह को मानता हूं। तब उन्होंने कहा तुम्हें पैसे दिया गया था और तुम लोग बिक गए। 😠, मतलब कुछ भी। मुझे खराब तब लगता है जब लोग मेरी बातों का मेरे सवालों का जवाब नहीं दे पाते हैं और बातों को दूसरे टॉपिक में ले जाते हैं। मैं आप लोगों को और एक वीडियो दिखाना चाहता हूं।
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Thursday, June 12, 2025

आत्मिक दुनिया

June 12, 2025 0 Comments

 आत्मिक दुनिया

परिचय 

    अब तक मैंने बहुत जिंदगी जी ली। मुझे नहीं लगता था कि इस संसार का दुनिया भी इतना अजीब हो सकता है। यह मैं इसलिए बोल रहा हूं क्योंकि यहां पर सभी लोगों को पता है कि हम एक न एक दिन मरेंगे। लेकिन फिर भी इंसान ऐसे जीते हैं जैसे कि वे अमर हैं। कभी-कभी तो मुझे ऐसा लगता है कि इंसान इतने बेवकूफ कैसे हो सकते हैं। क्योंकि मैं भी इन बेवकूफों हूं में सही एक हूं। 

      अगर हम आत्मिक दुनिया के बारे में बात करें, तो यह बिल्कुल सही है। मेरे कहने का मतलब है कि यह आत्मिक दुनिया सच में मौजूद है। खासकर यह उन लोगों से पूछे जो यह दावा करते हैं कि मैं मरने वाला था। या फिर आप उनसे पूछे जो सात आठ दिन के लिए कोमा में था। ऐसे इंसान ही आपको इसके बारे में अच्छा से समझा सकता है। वैसे तो पवित्र ग्रंथ में इसका उल्लेख मिलता है लेकिन जो नास्तिक टाइप के लोग हैं वह ऐसे लोगों से पूछ सकते हैं जिनके बारे में मैं अभी बताया। 

       वैसे मैं आपको बता दूं हम इस आर्टिकल में ऐसे ऐसे चीजों के बारे में चर्चा करने वाले हैं, जिनका मेरा खुद पर्सनल का अनुभव है। अनुभव तो छोड़ो जिसका मुझे सबूत भी मिला है। अब मैं नहीं चाहता कि कोई मुझे इस आर्टिकल के करण मुझसे सबूत मांगे, कहीं सबूत के चक्कर में लेने के देने ना पड़ जाए। क्योंकि आत्मिक दुनिया में या इसी दुनिया में भी दुष्ट आत्माओं से लड़ने में बहुत ही ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है। क्योंकि दोस्त अपनों से लड़ने के लिए एक ही चीज की जरूरत है और वह है पवित्रता।

      बहुत सारे लोगों को तो पवित्रता का परिभाषा ही नहीं पता है। वे लोग सोचते हैं कि गंगा में एक दो बार डुबकी लगाऊं तो मैं पवित्र हो जाऊंगा। मैं दूसरे धर्मों का सम्मान करता हूं जिसके कारण मैं उसके नियमों पर अंगुली नहीं उठाता। लेकिन जरा एक दो बार तो सोच भी सकते हैं कि क्या ऐसा वाकई में होता है? अगर हय इन सब चीजों के बारे में चर्चा करेंगे तो आपका मन भटक जाएगा, क्योंकि हमारा टांपिक है आत्मिक दुनिया। 

अस्तित्व: मेरा अनुभव 

    मैंने जो अनुभव किया है अब तक, वह मैं आपको बताना चाहता हूं। यही कि आत्मिक दुनिया सच में मौजूद है या नहीं? क्या सच में इसका अस्तित्व है या नहीं? अब मैं आपको कुछ रहस्यमय चीजों के बारे में बताऊंगा। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मैं अपनी कहानी कहां से शुरू करूं, क्योंकि अगर हम‌ अब इस बातों पर चर्चा करेंगे तो बहुत लंबा हो जाएगा। मैं आपको इसमें केवल अपना अनुभव को शेयर के बारे में बताऊंगा।

          मैं संसारिक आदमी था, मुझे लगता था कि ये धन दौलत और शोहरत हासिल करने से हम सफल हो जाएंगे। लेकिन रिएलिटी इससे एकदम उल्टा है। उस मनुष्य को क्या लाभ जब वह सारे संसार को प्राप्त कर ले और अंत में (मरने के बाद) अपना प्राण को खो दे। 


    जरा कल्पना कीजिए, कि आप आज बहुत सारे बड़े कंपनी के मालिक बन गए हैं और बनने के कुछ देर बाद आपको पता चला कि आप मर चुकें हैं। बस आपको अपनों की रोना सुनाई दे रही है। और उस समय आप यह सोचते हो कि अब मेरा क्या होगा? तब आपको पता चलेगा कि जो धन दौलत और शोहरत आपने कमाया था वह आपकी आत्मा को नहीं बचा सकती है। तब आपको एहसास होगा कि काश जब मैं जिंदा था तब सच्चे परमेश्वर को जाना होता।

    अब सच्चे परमेश्वर की बात कहां से आ गई? जरा सोचिए। आप यह सोचते हो कि आप जिस भगवान को पूजते हैं वही सच्चा है। लेकिन क्या कभी आपने इन बातों पर ध्यान दिया है?

  • व्यभिचार
  • चोरी
  • धोका
  • समानता न मानना
ये सब गुण जिसके पास होगा वह भगवान कैसे हो सकता है। भगवान यानि परमेश्वर का अवतार या इंसानी रूप।
     आम का पेड़ से कटहल का का फल कोई नहीं तोड़ता है और न ही अंगूर की लता से कोई खीरा।
      अब आपको लग रहा होगा कि मुझे ये बातें क्यूं कहा जा रहा है? चलिए मैं आपको बताता हूं। आत्मिक दुनिया का सबसे बड़ा युद्ध यही है। लोगों को सच्चे परमेश्वर से दूर रखना। इस‌ संसार में क्या चल रहा है यह बात जबसे पता चला है मुझे एक पल की खुशी को इंजॉय करने के लिए भी समय नहीं मिलता है। लेकिन फिर भी मैं खुद में ही खुश होता हूं‌,‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌ क्योंकि अब 99.9% लोग तो संसारिक मोह-माया में मग्न हैं। सबसे बड़ा प्रोब्लम यही है कि जो सोच रहा है कि मैं जिसको (परमेश्वर) मानता हूं  वह बेस्ट है और क्यों बेस्ट है यह उसको पता नहीं। उसने क्या ग़लती की है, पता नहीं। क्योंकि पूर्वज करते आए हैं। इसलिए।
ये शैतान का सबसे बड़ा फंडा है। और हमारा ज़मीर भी तो नहीं मानता है न कि मैं और मेरी फैमिली जिसकी पूजा इतनी दिन से कर रही थी वह तो एक fallen angel निकला। 
   मुझे सच्चे परमेश्वर को खोजना है, यही बात ने मुझे बदल दिया। मैं लोगों से यह सुनता था कि एक ही परमेश्वर है और वही है राम, कृष्ण, विष्णु, मोहम्मद, अल्लाह, यीशु मसीह, बुद्ध इत्यादि।
   मतलब, हद है यार! ऐसा कैसे हो सकता है। कोई तो होगा जो सबसे बड़ा हो। तो सब लोग अपने-अपने धर्म को बड़ा बताते। मैं इस युद्ध में प्रवेश कर चुका था। और जब ये बात परमेश्वर ने मुझ में देखा होगा। तभी ही शायद मैंने एक सपना देखा था 2018 में। मैं सृष्टिकर्ता परमेश्वर को साक्षी मानकर अपनी बातों को रखता हुं कि मैंने जो कुछ भी उस समय सपना में देखा था वह मैं सच सच कहूंगा। उसमें एक भी झूठ नहीं होगा। 
   मैंने देखा कि जितने भी देवी देवता हैं सब झुक कर मुझे प्रणाम कर रहे हैं। और देवताओं की भीड़ मैं गीन नहीं पाया। और तब मैं यीशु मसीह को मानता था। बस यीशु मसीह ही उन देवताओं की भीड़ में नहीं था। मेरे कहने का मतलब यह है कि यीशु मसीह ने मुझे इन देवताओं से ऊपर का दर्ज़ा दिया। क्या आपको यह नहीं लगता है? बिल्कुल यही बात है। आत्मिक दुनिया में हो रहे घटनाओं को समझने के लिए आपको "वह आने वाला है" जरुर पढ़ना चाहिए।
      और इसीलिए शायद जब आप पवित्र बाइबल में पढ़ते है, तो उसमें पाते हैं कि सृष्टि कैसे हुई थी और यह साबित होता है कि सब कुछ परमेश्वर ने ही बनाया है। चाहे वह दिखाई देने वाली चीज हो या बिना दिखाई देने वाली चीज हो।

क्या है यह आत्मिक दुनिया

       आत्मिक दुनिया मतलब आत्मा की दुनिया, जहां शरीर का कोई लेना देना नहीं है। इस दुनिया में कभी-कभी हम इंवॉल्व हो जाते हैं। इसको सीधे तरीके से समझने के लिए हम कह सकते हैं कि जिस तरह एक सिक्के की दो पहलू होती है, इस तरह ही संसारिक दुनिया और आत्मिक दुनिया है। मैंने इसके बारे में आप लोगों को ऊपर में समझाया है, वह तो बस आत्मिक दुनिया का 0.000001% ही था। मैं खुद अपनी दुनिया में इंवॉल्व हो चुका हूं, और इसीलिए मैं जिससे भी मिलता हूं। उनको लगता है कि मैं एक पागल सिरफिरा हूं, जो थोड़ा बहुत आत्मिकता को जानते हैं उन्हें यह बहुत अच्छा सा समझ में आ रहा है कि मैं क्या बोल रहा हूं।


     जब मैं परमेश्वर को जाना, तो मेरी आंखें खुल गई। लेकिन फिर भी मेरे साथ कुछ ऐसा घटना हुआ। जो घटना मेरा और मेरे परमेश्वर के बीच का रिश्ता को तोड़ दिया। नहीं तो शायद हो सकता था कि मेरे माध्यम से कितने सारी लोगों की आत्माएं बचाए जा सकती थी। अगर आप भी एक आत्मिक व्यक्ति हो, तो इस आत्मिक दुनिया में आप बहुत खतरे में हैं। क्योंकि इस दुनिया में कुछ दिखता नहीं है, लेकिन होता बहुत कुछ है। ऐसा बात भी नहीं है कि कुछ नहीं दिखता है, बहुत कुछ दिखता है लेकिन आत्मिक आंखों से। अगर मैं यह कहूं कि एक नॉर्मल इंसान कोई यह सब नहीं दिखता है, तो बुरा नहीं होगा।

चलिए मैं आप लोगों को बताता हूं कि मैं क्या था।

  • मैं परमेश्वर से मूसा के जैसा रूबरू हुआ था। मैं मानता हूं मैं परमेश्वर को नहीं यीशु मसीह को देखा था। लेकिन बात तो वही है, क्योंकि उस परम प्रधान परमेश्वर का तेज को शायद मैं भी नहीं देख सकता। जब मैं परमेश्वर को देख रहा था, तब मेरी आंखें उनके घुटने तक ही उठ पाया। मैंने उस ऑफर देखने की कोशिश किया लेकिन मेरा हिम्मत नहीं हुआ। मैं यह बात मानता हूं कि मैं परमेश्वर को फेस टू फेस नहीं देखा। भले उसने मुझे साक्षात दर्शन दिया, लेकिन उसे समय मेरी आंखों से आंसू निकल रहा था। मेरा हिम्मत नहीं हो रहा था कि मैं उस परम प्रथम परमेश्वर के बेटे यीशु मसीह के चेहरे को देखूं।
  • मुझे उस समय एहसास हो गया और उन लोगों से नफरत करने लगा था। जो लोग चर्च तो चलाते हैं, लेकिन खुद परमेश्वर की मर्जी के अनुसार नहीं चाहते। और वचन को तोड़ मरोड़ करके अपने मर्जी के अनुसार, घुमा फिरा कर लोगों को सुनाते थे।
  • मुझे बहुत ज्यादा गर्व होता था, इसलिए नहीं की परमेश्वर ने मुझे दुष्ट आत्माओं के ऊपर अधिकार दिया। बल्कि इसलिए अगर होता था कि मैं परमेश्वर को जान चुका था।
  • उस समय मेरा आवाज में एक तेज था। अगर कोई ऐसा व्यक्ति समय मिलता था जिसमें जादू टोना किया गया हो। तो वह व्यक्ति केवल मेरे साथ बात करने मात्र से थोड़ा ठीक फील करता था। क्योंकि मैं यीशु मसीह में था और वह मुझ में था।
  • अब शैतान को इससे परेशानी नहीं हो रहा था, कि मुझे दुष्ट आत्माओं के ऊपर अधिकार दिया गया। अगर मैं भी भारत के प्रोफेट बजिंदर के जैसा केवल चमत्कार करता। और केवल चमत्कार ही करते रहता दूसरा कुछ नहीं करता तो अब भी शायद मैं ठीक-ठाक ही रहता। लेकिन जैसा आप वैसे बेटा, मेरा यीशु मसीह प्रचार करता था, उसके प्यारे चेले भी प्रचार करते थे। और पवित्र आत्मा मुझे लोगों की चैन चंगाई के लिए प्रेरित नहीं करती थी, वह मुझे प्रेरित करती थी सच्चा सुसमाचार फैलाने के लिए। क्योंकि केवल सच्चा सुसमाचार के द्वारा ही लोगों को उधर का मार्ग मिलेगा। और उधर का मार्ग क्या है, यह बात उसको पता है जिसका उद्धार हो चुका है।
  • मैं बस एक चीज चाहता था, कि सभी धर्म के लोगों को परमेश्वर के राज्य के बारे में बताना। यह कि परमेश्वर का राज्य मनुष्य के बीच आ चुका है।
  • मैं दोबारा बोलता हूं, मैं परम प्रधान परमेश्वर के साक्षी मानकर के अपनी बातों को आपके सामने रखता हूं। सच में दुष्ट आत्माएं होती हैं, और त्रिएक परमेश्वर (पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा) के अलावा कोई परमेश्वर नहीं है।
  • जैसे कि मैं बोल रहा था, मुझे पुत्र परमेश्वर का दर्शन मिला है। इसके बारे में मैं ऊपर में बोल चुका हूं।
  • पवित्र आत्मा परमेश्वर, उनके साथ रहता है जो लोग यीशु मसीह को अपना आधार पर उद्धारकर्ता स्वीकार करते हैं।

           मैं अभी प्रजेंट में, यह सब खो चुका हूं। और मैं चाहता हूं कि मेरे लिए दूसरा सबसे दर्दनाक नरक बनाया जाए। क्योंकि मैंने परमेश्वर को धोखा दिया। जिसके कारण वह सारा अधिकार जब मुझ में था, अब मुझ में नहीं है। दूसरे शब्दों में मैंने अपना उद्धार खो दिया। क्योंकि मैंने जानबूझकर के व्यभिचार किया था। मैं यह नहीं चाहता हूं कि कोई ऐसा व्यक्ति भी मेरा जैसा गलत काम करें। जिनका उधर यीशु मसीह में विश्वास करने से हो चुका है। अगर आप भी जानबूझकर के मेरे जैसे गलती करते हैं, तब तो आप मुझसे भी बेकार ठहरते हैं।

       मैं जानता हूं कि मैं यह सब बात किसी को भी नहीं बता सकता। इसलिए मुझे विश्वास है, जो कोई भी मेरा यह आर्टिकल पढ़ रहा है। वह आप खुद को मुझसे बेहतर तैयार करेंगे। पता है मैंने क्या गलत है किय? 

  • मैं जागरूक नहीं था, मैं पवित्र बाइबल पढ़ना धीरे-धीरे छोड़ने लगा था।
  • मुझ में मूवीस देखना, वेब सीरीज देखना, सांसारिक गाने सुना और सांसारिक लोगों से संगति है रखना मैं जारी रखना।
  • मैं सांसारिक लोगों के साथ संगति रखता था यह मेरा गलती नहीं था। मैंने उनको भी कुछ नहीं बोला जो एक प्रचारक होकर के गलती कर रहा था।
  • शैतान को मुझ में बसने के लिए बस एक वजह चाहिए था। चाहे वह वजह कुछ भी हो।
  • मुझे पता है किसी दिन शैतान मुझे पागल कर देगा। और तब मैं इन बातों को आपके सामने नहीं रख पाऊंगा। इसलिए वक्त रहते मैं आपको बता रहा हूं।
  • मैं शैतान से लड़ने के लिए तो निकला था, लेकिन मैं हथियार( पवित्र बाइबल) घर में छोड़ गया था। घर में छोड़ने से मेरा मतलब है, वह मेरे अंदर नहीं था। क्योंकि बाइबल तो मैं हर वक्त मेरे साथ ही रखता था। लेकिन फिर भी मैं खुद वचन के अनुसार नहीं चला।
  • क्योंकि शैतान से लड़ने के समय, सारी चीजों का जवाब शैतान के पास होता है। लेकिन पवित्रता का कोई जवाब नहीं होता।
  •  इसलिए आप पवित्र बनिए, जैसे आपका पिता पवित्र है। मैं परमेश्वर को पिता इसलिए नहीं कहा, क्योंकि मैंने वह हक खो दिया है। अब तो मुझे नर्क का सजा भी मेरे लिए कम लग रहा है।😞



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